डाइटिशन की सलाह पर डायट लेना फिट रहने की गारंटी मानी जाती है। ऐसे में एक सवाल मन में जरूर उठता है कि डाइटिशन की खुद की डायट कैसी होती होगी? देश की नामी डाइटिशन मनीषा कौशिक से जाने उनकी रूटीन और डायट के बारे में विस्तार से विजय शंकर ने जानकारी ली। टॉप डाइटिशन की डायट से प्रेरणा लेते हुए आप भी खुद को फिट ऐंड हेल्दी रख सकते हैं।
टॉप डाइटिशन की ये 6 बातें हैं काम की:
- कमे से कम 7 घंटे की नींद जरूरी
- फ्रीज का ठंडा पानी गर्मियों में भी नहीं पीना और जाड़ों में गुनगुना पानी पीना
- मौसमी फल-सब्जियां पहली पसंद
- सलाद खुद का काटा हुआ खाना, बाहर का नहीं
- नीबू, आंवला रोजाना डायट में हों जरूर। कोल्ड ड्रिंक्स बिलकुल नहीं।
- प्राणायाम भी अहम
सुबह उठना और सबसे पहला काम?
मनीषा: सुबह 6 बजे उठना। उठने के बाद 1 गिलास (200 ml) गुनगुने पानी में एक चम्मच शहद और दालचीनी का पाउडर (एक चुटकी) आधे नीबू के रस के साथ पीती हूं। इससे दिन भर मेटाबॉलिज्म सही रहता है।
सुबह में योग और कसरत?
मनीषा: घर के अंदर ही 30 मिनट के लिए योग करती हूं। अमूमन प्राणायाम और सूर्य नमस्कार करती हूं। जॉगिंग नहीं करती। एलिवेटर या लिफ्ट भी नहीं लेती, सीढ़ियों का उपयोग करती हूं।
चाय की चाह कितनी?
मनीषा: नीबू और शहद वाली ब्लैक टी दिनभर में 3 बार।
ब्रेकफस्ट का फंडा
मनीषा: 9 से 9:30 के बीच। 400ml डबल टोंड दूध में 20 से 25 ग्राम ओट्स, बारीक कटी हुई 50 ग्राम गाजर, बादाम के 7-8 टुकड़े और अदरक का एक छोटा चम्मच पाउडर मिलाकर 10 से 15 मिनट उबालती हूं, फिर खाती हूं। ब्रेकफस्ट के 30 मिनट बाद पानी पीती हूं।
दिनभर में कितना पानी, कैसा पानी?
मनीषा: जाड़े में गुनगुना पानी और गर्मी में नॉर्मल। अमूमन मैं फ्रिज का पानी नहीं पीती। दिनभर में डेढ़ से 2 लीटर। गर्मियों में मात्रा कुछ बढ़ जाती है।
फ्रूट के पल?
मनीषा: मौसमी फल खाती हूं। अमूमन ब्रेकफस्ट और लंच के बीच में सेब, संतरा, अंगूर आदि एक बार में 100 ग्राम के करीब लेती हूं।
लंच के पहले क्या-क्या और कितनी मात्रा में?
मनीषा: 100 से 150 ग्राम फल। इसके अलावा 20 से 30 ग्राम रोस्टेड फ्लैक्स सीड का पाउडर लेती हूं।
कितने बजे लंच और लंच में क्या?
मनीषा: 1:30 से 2 बजे। गेहूं की 2 रोटी, हरी सब्जी, ग्रीन सलाद, दही।
शाम में क्या?
मनीषा: ग्रीन टी, रोस्टेड मूंगफली, बादाम आदि 50 ग्राम तक।
डिनर कब और खाने में क्या?
मनीषा: 8:30 से 9 के बीच। 1 या 2 रोटी के साथ मिक्स्ड ग्रीन वेजिटेबल। कोशिश होती है कि लंच में अगर कुछ कमी रह गई हो तो उसे डिनर में दूर कर लूं। जैसे अगर दिन में दही नहीं खा पाई तो रात में रायता खा लेती हूं। ओवर इटिंग कभी नहीं करती।
खाते समय किस बात ध्यान रखना चाहिए?
मनीषा: मेरे दादाजी जी कहते थे कि खाना के लिए 10 मिनट जरूर निकालना चाहिए। बचपन में मेरे दादाजी मुझसे शर्त लगाते थे कि कौन एक बाइट को 32 बार चबाएगा। कई बार वह जीतते थे तो कई बार मैं।
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