झारखण्ड वाणी

सच सोच और समाधान

हे अधिनायक!

हे अधिनायक! खुद के गायक।
भक्तों के तुम, बुद्धि-विधायक।
हे अधिनायक! —–

अहंकार से चूर तुम्हीं हो, कृषक और मजदूर तुम्हीं हो।
वैज्ञानिक हो, कलाकार भी, दिखते शासक क्रूर तुम्हीं हो।
सभी गुणों के तुम परिचायक।।
हे अधिनायक! —–

अक्सर विश्व भ्रमण करते हो, निर्बल देश दमन करते हो महाशक्ति आगे झुककर, देखा तुझे नमन करते हो।
कब, किसके तुम रहे सहायक??
हे अधिनायक! —–

जो विरोध में तुमसे बोले, कारागृह में आंखें खोले।
सुमन जागरण नित्य करेगा, बरसाओ ओले या गोले।
तुम्हें बुद्धि दे, बुद्धि-विनायक!!
हे अधिनायक! —–

श्यामल सुमन