साफ-सफाई एवं रहन-सहन में बदलाव जरूरी,तभी कोरोना से बचेगी जान
कोविड-19 एक संक्रामक बीमारी है।यानी यह संक्रमित मरीजों के संपर्क(स्पर्श) में आने से होती है।पर घबराऐ नहीं,बस इससे बचने के लिए सोशल-डिस्टेंस की स्वास्थ विभाग द्वारा जारी दो गज की दुरी को ना लांघे।एवं सरकार व स्वास्थ विभाग के अन्य जारी गाइलाइन का पुरी तरह पालन करें।एवं इसके लिए अन्य लोगों को प्रेरित करें।ताकि खुद के साथ अन्य लोग भी सुरक्षित रह सकें।क्योंकि थोड़ी सी लापरवाही आपकी परेशानी बढ़ा सकती है।एवं कोरोना संबंधित किसी प्रकार के लक्षण का महसूस होते ही तुरंत स्थास्थ केंद्र या अन्य स्वास्थ संस्थान जाऐं।एवं जाँच कराऐ।एवं चिकित्सकों के परामर्श के अनुसार ही आगे चिकित्सा उपचार कराऐ।
लक्षण का महसूस होते ही चिकित्सकों से कराऐ जाँच
जिला सिविल सर्जन पदाधिकारी डॉ आत्मानंद राय ने बताया कि अगर किसी भी शख्स को बुखार,सूखी खाँसी,साँस लेने में,शरीर में अलग किस्म के दर्द समेत अन्य शारीरिक पीड़ा हो तो वैसे शख्स को तुरंत स्थानीय स्वास्थ केंद्र में जाकर जाँच कराना चाहिए।एवं चिकित्सकों के सलाह अनुसार ही आगे की चिकित्सा उपचार करना चाहिए।ताकि समय रहते बीमारी का सही जानकारी मिल सके।एवं उचित इलाज हो सके।ऐसे मरीजों के जाँच के लिए जिले के सभी स्वास्थ केंद्र एवं अन्य स्वास्थ संस्थान में पर्याप्त सुविधा उपलब्ध है।
मास्क का अनिवार्य रूप से करें उपयोग
खाँसने या छीकने के दौरान निकले वहाव से कोरोना का संक्रमण फैलता है।इसलिए अनिवार्य रूप से मास्क का उपयोग करें। एवं हर दिन मास्क की अच्छे से साफ-सफाई करें।पहनने के बाद मास्क के उपरी परत को नहीं छुऐ।मास्क खोलने के तत्पश्चात मास्क को सेनेटाइज करें।इसके बाद डिटाॅल पानी के साथ साबुन से धोएँ।
साफ-सफाई का रखें विशेष ख्याल
इस महामारी के रोकथाम के लिए साफ-सफाई एवं पूर्व के रहन-सहन के सापेक्ष रहन-सहन में बदलाव लाना भी जरूरी है।इसलिए साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखें।जैसे कि लगातार साबुन से 30-40 सेंकेंड तक हाथों की अच्छी तरह साफ करें,ऐसा हर दो घंटे में करना है।सफर या बाहर रहने पर जहाँ साबुन-पानी का अभाव है वहाँ सेनेटाइजर का उपयोग करें,पहनने वाले कपड़े से लेकर सोने वाले विछावन तक लगातार साफ-सफाई करें,घरों में फिनाइल या डिटाॅल पानी का पोछा लगाऐ।अपने आसपास का जगह समेत अन्य साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखें।
भीड़-भाड़ वाले जगह एवं सार्वजनिक यात्रा से बचें
भीड़-भाड़ वाले जगह का हिस्सा बनने से बचें।एवं अपने आसपास के लोगों को भी इसके लिए प्रेरित करें।साथ ही सार्वजनिक यात्रा ना करें।
मौसमी खाद्य पदार्थों का करें सेवन
विटामिन ए,सी और जिंक से भरपूर मौसमी और स्थानीय रूप से उपलब्ध खाद्य पदार्थों का नियमित सेवन करें।मौसमी फल में केला,आम,पपीता, अमरूद आदि फलों का भरपूर सेवन करें।
खाना बनाने के पहले और बाद हाथ समेत आसपास के जगहों को करें साफ
खाना बनाने से पहले अपने हाथ व अच्छी तरह से धोएँ।एवं बर्तन समेत आसपास की जगह को भी अच्छी तरह से साफ-सफाई करें।हरी सब्जी को बनाने के पहले नमक-पानी से अच्छी तरह धोएँ।उसके बाद आगे की प्रक्रिया करें।
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