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जैन धर्मावलंबियों ने की विश्व शांति के लिए पूजा दस दिनों तक रखा निर्जला उपवास

जैन धर्मावलंबियों ने की विश्व शांति के लिए पूजा दस दिनों तक रखा निर्जला उपवास

हजारीबाग में दस दिनों से चल रहा दसलक्षण पर्युषण महापर्व सोमवार को समाप्त हो गया. दो जैन धर्मावलंबियों ने दस दिनों तक निर्जला उपवास रखा और विश्व शांति के लिए पूजा अर्चना की.
हजारीबाग: जिले में दस दिनों से चल रहा जैन धर्मावलंबियों का प्रमुख पर्व दस लक्षण पर्युषण महापर्व सोमवार को समाप्त हो गया. दस दिनों तक चले इस महापर्व में जैन धर्मावलंबियों ने पूजा अर्चना की. महापर्व में हजारीबाग के दो धर्मावलंबी कल्पना सेठी और संकेत चौधरी ने दस दिनों तक निर्जला उपवास रखकर विश्व शांति के लिए पूजा अर्चना की.
बिना जल ग्रहण किए लोगों का जीना मुश्किल हो जाता है, लेकिन आस्था के सामने यह सारी बातें छोटी हैं. हजारीबाग में जैन धर्मावलंबी पिछले दस दिनों से दसलक्षण पर्युषण महापर्व मना रहे हैं. अहिंसा परमो धर्मः के रास्ते पर चलने वाला जैन समुदाय पिछले दस दिनों से पूजा अर्चना कर रहा है. मूलतः भाद्रपद शुक्ल पंचमी के भाद्रपद शुक्ल चतुर्दशी तक चलने वाला दस दिवसीय यह पर्व इस बार त्रयोदशी तिथि के क्षय होने से दस दिन पूर्व शुरू हुआ. हजारीबाग के दोनों जैन मंदिर बड़ा बाजार और बटम बाजार में अभिषेक शांतिधारा, सामूहिक कलश पूजा, आरती और भजन हुआ. बाहर से आए पंडितों ने मंगल प्रवचन किया और उत्तम क्षमा धर्म पर अपनी बातें रखी.
पर्व के तहत 11 सितंबर को उत्तम मार्दव धर्म, 12 को उत्तम आर्जव, 13 को उत्तम शौच, 14 को उत्तम सत्य धर्म, 15 को उत्तम संचम, 16 को तप धर्म, 17 को उत्तम त्याग, 18 को उत्तम आंकिचन्य धर्म और 19 को उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म अनंत चतुर्दशी पर्व और 12वें तीर्थंकर वासुपूज्य भगवान के मोक्ष कल्याण पर्व मनाने के साथ दस लक्षण महापर्व की समाप्ति सोमवार को हुई. दस दिनों तक निर्जला उपवास करने वाले जैन धर्मावलंबियों ने झारखण्ड वाणी संवाददाता के साथ बात करते हुए कहा कि धर्म सर्वोपरि है. ईश्वर ही संसार को चलाते हैं. हम लोगों ने दस दिनों तक उपवास कर विश्व शांति के लिए प्रार्थना की. यह भी दुआ मांगी कि विश्व में महामारी समाप्त हो और हमारा संसार सुख, शांति और खुशी के साथ चलता रहे.