झारखण्ड वाणी

सच सोच और समाधान

अनाज कालाबाजारी गिरोह के दो लोग हुए गिरफ्तार, भेजा गया जेल

जमशेदपुर में कोरोना महामारी के दौरान अनाज में कालाबाजारी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश पुलिस ने किया. वहीं अनाज कालाबाजारी के गिरोह में शामिल दो लोगों की गिरफ्तार कर पुलिस ने जेल भेजा है.

जमशेदपुर: वैश्विक महामारी कोरोना के कहर के कारण देशभर में लॉकडाउन के दौरान सरकार की तरफ से गरीब लोगों की मदद के लिए अनाज मुहैया कराया जा रहा है. ऐसे में अनाज को जमाकर कालाबाजारी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश साकची पुलिस ने किया.
अनाज कालाबाजारी के गिरोह में शामिल दो लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. कुछ दिनों पूर्व जिला प्रशासन की टीम ने राशन कालाबाजारी के खिलाफ साकची और गोलमुरी क्षेत्र में अभियान चलाया था और भारी मात्रा में पीडीएस के चावल और गेहूं बरामद किए गए थे. राशन कालाबाजारी के गिरोह में शामिल दोनों नामजद अभियुक्त संजय मोहनानी और दीपक मोहनानी के खिलाफ साकची थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई थी. जिसके बाद से दोनों अभियुक्त फरार चल रहे थे.
पुलिस अधीक्षक नगर के नेतृत्व में टीम गठित कर अभियुक्तों की तलाश लगातार की जा रही थी. गुरुवार देर रात पुलिस ने बहरागोड़ा थाना क्षेत्र से इनकी गिरफ्तारी की पुलिस के मुताबिक इन दोनों की तरफ से सरकारी राशन के बोरों को खोलकर दूसरे बोरों में भरकर अनाज की कालाबाजारी की जा रही थी. साथ ही सरकारी सील के साथ भी छेड़छाड़ इनके तरफ से की गई थी. दोनों ही अभियुक्त विगत कई दिनों से अपना ठिकाना बदल-बदल कर रहे थे. कई बड़े नाम शामिल हैं. पुलिस ने अभियुक्तों के पास से पांच मोबाईल फोन,एक कार, सात हजार रुपये नगद बरामद किया है. अन्य दुकानदारों को बेचा जाता था चावल गिरफ्तार किए गए अभियुक्तों ने बताया कि 50 किलो चावल की बोरी के लिए मार्केटिंग ऑफिसर को 100 रुपये और सहायक गोदाम प्रबंधक को 50 रुपये दिए जाते थे. बाद में चावल को बाजार में अन्य दुकानदारों को बेच दिया जाता था. इसके साथ ही अन्य अधिकारियों को भी हर महीने इसके लिए उचित रुपये दिए जाते थे. दोनों अभियुक्तों ने बताया कि तीन साल से इस घटना को अंजाम दे रहे थे. पुलिस की तफ्तीश के मुताबिक अभियुक्तों की तरफ से करोड़ों रुपये के अनाज का घोटाला किया गया है.