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अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी की संदिग्ध मौत,शिष्य आनंद गिरि आद्या तिवारी हिरासत में,पीएम और यूपी के सीएम ने किया दुख व्यक्त

अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी की संदिग्ध मौत,शिष्य आनंद गिरि आद्या तिवारी हिरासत में,पीएम और यूपी के सीएम ने किया दुख व्यक्त

उत्तरप्रदेश:अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत से हड़कंप मच गया है। उनका शव फंदे से लटके मिले जाने की खबर है। मौके वारदात से सुसाइड नोट भी मिला है। जिसमें उन्होंने अपने शिष्य आनंद गिरि पर जिम्मेवार होने का आरोप लगाया है। इस मामले में हरिद्वार पुलिस के द्वारा महंत आनंद गिरी को हिरासत में लेकर पूछताछ किए जाने की खबर है। इसके अलावा प्रयागराज से लेटे हनुमान मंदिर के पुजारी आद्या तिवारी को हिरासत में लिया गया है। दोनों नरेंद्र गिरी के करीबी बताए जा रहे हैं। इधर नरेंद्र गिरी की मौत पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महंत नरेंद्र गिरि के निधन पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि आध्यात्मिक परंपराओं के प्रति समर्पित रहते हुए महंत नरेंद्र गिरि ने संत समाज की अनेक धाराओं को एक साथ जोड़ने में बड़ी भूमिका निभाई। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी दुख व्यक्त किया है। इसके अलावा समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने भी दुख व्यक्त किया है।
जानकार सूत्रों के अनुसार उनका शव अल्लापुर में बाघम्बरी गद्दी मठ के कमरे में फंदे से लटका मिला है। खबर मिलते ही पुलिस अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए। पुलिस को मौके से सुसाइड नोट मिला है। पुलिस का कहना है कि कमरा अंदर से बंद था।फरेंसिक टीम और स्पेशल टीम मामले की जांच कर रही है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट कर कहा, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि जी का ब्रह्मलीन होना आध्यात्मिक जगत की अपूरणीय क्षति है।प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्री चरणों में स्थान तथा शोकाकुल अनुयायियों को यह दुःख सहने की शक्ति प्रदान करें. ॐ शांति!
इसके अलावा समाजवादी पार्टी नेता अखिलेश सिंह यादव समेत कई नेताओं ने नरेंद्र गिरी की मौत पर दुख व्यक्त किया है।
सूत्रों के अनुसार नरेंद्र गिरी का शव प्रयागराज स्थित गेस्ट हाउस में फंदे से लटकी हालत में बरामद किया गया। पुलिस को शव के पास से सूइसाइड नोट भी मिला।
आईजी रेंज प्रयागराज केपी सिंह ने कहा ‘हमें जैसे ही सूचना मिली, हम घटनास्थल पर पहुंचे। हमने देखा कि महाराज जमीन पर लेटे हैं, फैन पर रस्सी फंसी हुई थी और महंत की मृत्यु हो चुकी थी। प्रथम दृष्टया यह आत्महत्या लग रहा है। उनके पास से सूइसाइड नोट भी मिला है जिसमें उन्होंने अपने आश्रम को लेकर वसीयतनामा लिखा है। सूइसाइड नोट में लिखा है कि उन्होंने आत्महत्या की और वह अपने किसी शिष्य से दुखी थे। शव गेस्ट हाउस से मिला है। सूइसाइड नोट में आनंद गिरी और कई शिष्यों का नाम है।’