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विश्वस्तरीय सामूहिक सुंदरकांड पाठ कार्यक्रम सम्पन्न

  • 1.5 करोड़ लोगों ने किया सुंदरकांड पाठ
  • 43 लाख से ज्यादा परिवार हुए शामिल

वनवासी क्षेत्र में कार्यरत संस्था एकल श्रीहरि परिवार के तत्वावधान में दशहरे के दिन डिजिटल प्लेटफार्म पर आयोजित विश्वस्तरीय सामूहिक सुंदरकांड पाठ में पूरे विश्व भर से 43 लाख से अधिक परिवार (1.5 करोड़ से अधिक लोग) शामिल हुए। एक दिन में किसी संस्था के बैनरतले इतनी बड़ी संख्या में सुंदरकांड पाठ करने का यह पहला अवसर था। इस उपलब्धि को गिनीज बुक्स ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स में दर्ज कराने की कोशिश हो रही है। इसी दिन राँची में संगठन के कथाकारों द्वारा सायं 4 बजे से 7.30 बजे तक सुंदरकांड का लाइव सामूहिक पाठ किया गया। इस दरम्यान विदेशों से जुड़नेवाले सदस्य भी इस आयोजन से सीधे जुड़े रहे। 4 से 5 बजे तक देश/विदेश के विभिन्न क्षेत्रों में हो रहे पाठ की झलकियाँ दिखायी गई और सायं 5 बजे से सुंदरकांड पाठ शुरू हुआ। कार्यक्रम के प्रारंभ में तथा समापन पर एकल अभियान के विभिन्न कार्यों पर लघुफिल्म भी दिखाई गई। इसका पूरा प्रसारण सुभारती चैनल पर किया गया।
यह जानकारी देते हुए श्रीहरि सत्संग समिति मुंबई के अध्यक्ष विजय जी. केडिया ने बताया कि इस आयोजन में एकल अभियान से जुड़े देश भर के 25 लाख परिवारों को शामिल करने का लक्ष्य था लेकिन दशहरे की पूर्व संध्या तक 43,26,510 परिवारों के नाम भारत के विभिन्न संभागों से पंजीकृत हुए थे जिनमें 173784 लोग महाराष्ट्र के थे। मुंबई में कोविड 19 के चलते संस्था से जुड़े परिवारों ने अपने-अपने घरों में बैठकर विधि विधान से ज़ूम एप्प के
माध्यम से जुड़ कर सुंदर कांड का पाठ किया और फेसबुक सहित अन्य माध्यमों से लाइव रहे। मुम्बई के वरिष्ठ दानदाता रमाकांत टिबरेवाला सहित हजारों परिवार इस आयोजन से जुड़े। सुबह 6 बजे से रात 10 बजे तक देश-देशांतर में 43 लाख से अधिक हनुमान भक्तों ने अपनी सुविधानुसार समय चुनकर सुंदरकांड का पाठ किया।
इस विश्वस्तरीय सुंदरकांड पाठ का आयोजन हिंदी भाषी क्षेत्रों के साथ ही अहिन्दी भाषी क्षेत्रों में अलग-अलग स्थानीय भाषाओं भी किया गया। दक्षिण भारत के विभिन्न स्थानों से स्थानीय भाषाओँ में कार्यक्रमों का लाइव प्रसारण भी किया गया। पूर्वोत्तर तथा बंगाल के कुछ क्षेत्रों में जहाँ सुंदरकांड नहीं पढ़ी जाती, ऐसे स्थानों पर एकल श्रीहरि परिवार द्वारा एक घंटे का ‘हरे राम हरे कृष्ण’ संकीर्तन का आयोजन किया गया।