झारखण्ड वाणी

सच सोच और समाधान

टाटा स्टील फाउंडेशन के मार्गदर्शन में खरकाई नदी पर आदित्यपुर में पुल के बगल में एक बियर का निर्माण कराए ताकि पानी हमेशा वहां उपलब्ध हो- ए के श्रीवास्तव

जमशेदपुर सिटीजन फोरम के अध्यक्ष ए के श्रीवास्तव ने टी वी नरेंद्रन ग्लोबल सीईओ और मैनेजिंग डायरेक्टर को पत्र लिखकर कहा है कि जमशेदपुर के विभिन्न व्यवसायिक, औद्योगिक, सामाजिक और आध्यात्मिक संस्थाओं से जुड़े रहने के कारण उन्होंने हमेशा कुछ ना कुछ समस्या आपके सामने रखने का प्रयास करता हूं लेकिन साथ-साथ समाधान कैसे हो इसके लिए भी आपको कुछ सुझाव देता हूं| मैं आपका ध्यान एक बहुत ही महत्वपूर्ण विषय पर आकर्षित करना चाहता हूं वैसे शास्त्र के अनुसार मनुष्य का जन्म और जीवन पर कहा गया है क्षिति जल पावक गगन समीरा पंचरचित यह अधम शरीरा| मेरे कहने का मतलब है भूमि और जल यह प्राथमिक आवश्यकता है, वैसे बिना वायु का कोई आदमी रह नहीं सकता है| मैं आपका ध्यान आदित्यपुर में रहने वाले निम्न और मध्यम वर्गीय श्रेणी के व्यक्तियों की ओर आकर्षित करना चाहता हूं| जहां तक मेरी जानकारी है टाटा स्टील मुख्यतः सरायकेला जिला यानी सीनी में स्थापित होना था क्योंकि साकची से बेहतर सुविधा सीनी में उपलब्ध थी परंतु किसी कारणवश स्थान साकची शिफ्ट हो गया लेकिन जहां तक मेरी जानकारी है आरंभ के दिनों से ही टाटा समूह का खरकाई नदी के पश्चिमी तट पर स्थित आदित्यपुर ग्राम गम्हरिया कांड्रा क्षेत्र पर बहुत झुकाव था| मेरी समझ से मुख्यतः कामगारों की आवासीय सुविधा उपलब्ध कराने के लिए आदित्यपुर बहुत ही अच्छा जगह था बिहार सरकार ने भी 1956 के बाद आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र विकास की ओर काफी ध्यान दिया| 53 स्क्वायर वर्ग मिल क्षेत्र को BRUL Act के अधीन घोषित कर दिया और यहां पर भारत सरकार और बिहार सरकार के सहयोग से प्रथम दृष्टि निम्न वर्गीय कामगारों के लिए हाउसिंग कॉलोनी बनाई गई| 1972 को आयडा का गठन हुआ उस समय आदित्यपुर-1 और आदित्यपुर-2 कॉलोनी में जितने उत्तर भारत और बिहार के लोग परोक्ष या प्रत्यक्ष रूप से कामगार थे, टाटा स्टील में या सरकार में उन्हें वहां एक कमरे का या दो कमरे का घर आवंटन किया गया था| आज भी औद्योगिक क्षेत्र तो बहुत बढ़ गया है और जितनी इंडस्ट्रीज बढ़ी है करीब-करीब सब इंडस्ट्रीज टाटा समूह पर आधारित है और आवासीय सुविधा में मुख्यतः टाटा समूह में काम करने वाले पदाधिकारी, कर्मचारी या टाटा समूह से सेवा निवृत्ति होने वाले पदाधिकारी कर्मचारी ही वहां रहते हैं| वैसे माना जाए तो पूरे आदित्यपुर का आबादी टाटा समूह पर ही आधारित है क्योंकि यहां की लघु और मध्यम उद्योग की इकाइयां टाटा समूह पर निर्भर है पंचायत से नोटिफाइड एरिया, नोटिफाइड एरिया से नगर पालिका अब तो आदित्यपुर नगर निगम हो गया है सरकार से भी काफी सुविधा मिलती है लेकिन जहां तक प्राथमिकता का सवाल है वहां का अलग नियम है सरकारी कानून और वार्ड के काउंसलर के अनुसार नगर निगम चलता है| मैं आपका ध्यान आदित्यपुर में पानी की समस्या की ओर आकर्षित करना चाहता हूं| इस समस्या पर मैं खुद जमशेदपुर सिटीजन फोरम के अध्यक्ष के नाते बहुत संस्थाओं से जुड़े रहने के कारण मेरे मित्र रविंद्र नाथ चौबे नागरिक समन्वय समिति एवं कोल्हान आध्यात्मिक एवं पर्यावरण संरक्षण समिति की ओर से एवं आदित्यपुर नगर समन्वय समिति की ओर से अभियान के अंतर्गत इस समस्या को नगर निगम के सामने या सरकार के सामने रखा है परंतु अभी तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है सरजू राय ने भी इस ओर काफी प्रयास किया है और सरकार का भी ध्यान आकर्षित किया है| मैं आपसे निवेदन करना चाहता हूं जैसे स्वर्णरेखा नदी पर सोनारी के सामने एक बियर बना है जिससे कि आवश्यकता अनुसार पानी वहां बराबर उपलब्ध रहता है| आदित्यपुर क्षेत्र को पानी की सुविधा खरकाई नदी, संजय नदी और स्वर्णरेखा नदी से है| टाटा स्टील लोंग प्लांट को पानी की सुविधा स्वर्णरेखा नदी से प्राप्त है लेकिन आदित्यपुर वासियों को सीतारामपुर डैम के माध्यम से पानी की आपूर्ति की जाती है| उसके लिए गाजिया डैम बना है और बगल में मुख्यमंत्री चंम्पाई सोरेन के द्वारा संजय नदी पर बियर भी बनाया गया है संजय नदी आदित्यपुर में खरकाई नदी से मिलती है और खरकाई
नदी पर जो बांध है वह चाईबासा से करीब 50 से 60 किलोमीटर दूर है इसलिए बराबर खरकाई नदी में पानी नहीं रहता है| उड़ीसा की आवश्यकता अनुसार पानी छोड़ा जाता है और बरसात में कभी-कभी एक-दो दिन के लिए बाढ़ की समस्या भी आती है| मैं आपसे सादर अनुरोध करना चाहता हूं कि टाटा स्टील अपनी सामाजिक उत्तरदायित्व के अंतर्गत टाटा स्टील फाउंडेशन के मार्गदर्शन में खरकाई नदी पर आदित्यपुर में पुल के बगल में एक बियर का निर्माण कराए ताकि पानी हमेशा वहां उपलब्ध हो| शास्त्र के अनुसार खरकाई नदी उत्तरायण नदी है हर तरह का सामाजिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक कार्य हिंदू जनता वहीं संपन्न करती है इसलिए इसकी काफी आवश्यकता है प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से आदित्यपुर की जनता टाटा समूह की कंपनियों पर ही आधारित है शिक्षा स्वास्थ्य आदित्यपुर में करीब-करीब उपलब्ध ही नहीं है| एक अन्य जरूरी समस्या है की नदी के किनारे जयप्रकाश उद्यान है काफी बड़ा एरिया है उसके पेड़ सब सुख रहे हैं और मुझे तो कहने में फक्र हो रहा है की जमशेदपुर सिटी को हम पार्क सिटी के रूप में जानते हैं| हर मोहल्ले में, हर क्षेत्र में छोटा-छोटा पार्क आपने विकसित किया है इसीलिए अनुरोध है बियर के साथ-साथ नदी के किनारे स्थित जयप्रकाश उद्यान को भी विकसित किया जाए एक समस्या आपके सामने आ सकती है नगर निगम एवं सिंचाई विभाग से इसमें नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट चाहिए| मैं अपनी ओर से आदित्यपुर की जनता की ओर से उन सभी संस्थाओं से जो इस समस्या के समाधान के लिए जूझ रहे हैं उनके तरफ से आपको आश्वासन देता हूं अगर आप सहमत होते हैं तो सरकार से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट दिलाना हम लोग का कर्तव्य है| मुझे विश्वास है आप अपने अधीनस्थ अधिकारियों की टीम गठन कर समस्या के समाधान पर निर्णय ले सकते हैं| आदित्यपुर की जनता की ओर से मैं आपका बहुत आभारी रहूंगा