झारखण्ड वाणी

सच सोच और समाधान

स्वर्णरेखा परियोजना के 80 नए विस्थापितों को विकास पुस्तिका देने का लक्ष्य, मिलेगा 6.57 लाख का पैकेज

सरायकेला में स्वर्णरेखा परियोजना भू-अर्जन और पुनर्वास विभाग में विकास पुस्तिका निर्माण और मुआवजा राशि देने की प्रक्रिया में तेजी लाई गई है. विकास पुस्तिका प्रदान किए जाने के लिए कुल 40 विस्थापितों का चयन किया गया है. वहीं 40 विस्थापितों के परिवार के चयन के लिए पुनर्वास समिति की बैठक आयोजित की जाएगी.
सरायकेला: स्वर्णरेखा बहुउद्देशीय परियोजना के भू-अर्जन एवं पुनर्वास विभाग इस वर्ष 80 नए विस्थापितों को विकास पुस्तिका प्रदान करेगा. इससे पूर्व पिछले दिनों हुए विकास पुस्तिका समिति की बैठक में 40 नए विस्थापितों का चयन किया गया है. विकास पुस्तिका प्रदान किए जाने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है. परियोजना की ओर से प्रत्येक विस्थापित को विकास पुस्तिका के द्वारा बतौर मुआवजा 6.57 लाख रुपये का आर्थिक पैकेज भी प्रदान किया जाएगा.
स्वर्णरेखा परियोजना भू-अर्जन और पुनर्वास विभाग में विकास पुस्तिका निर्माण और मुआवजा राशि देने की प्रक्रिया में तेजी लाई गई है. कुल 40 विस्थापितों को विकास पुस्तिका प्रदान किए जाने के लिए चयन किया गया है. बाकी अन्य बचे 40 विस्थापितों के परिवार के चयन के लिए आगामी 15 दिसंबर को पुनर्वास समिति की बैठक आयोजित की जाएगी. जिसमें विकास पुस्तिका और मुआवजा राशि देने पर ठोस निर्णय लिए जाएंगे. परियोजना की अपर निदेशक रंजना मिश्रा ने बताया है कि विकास समिति की पहली बैठक में 44 प्रस्ताव शामिल किए गए थे. जिनमें 31 प्रस्ताव को स्वीकृत और 4 को अस्वीकृत कर दिया गया. जबकि 9 प्रस्ताव जांच के लिए भेजे गए हैं. जिनके जांच उपरांत स्वीकृति प्रदान की जाएगी. परियोजना के लिए जिन विस्थापितों का चयन विकास पुस्तिका के लिए किया गया है उन्हें 6.57 लाख का आर्थिक पैकेज प्रदान किया जाएगा. इस पैकेज में 2.25 लाख स्वरोजगार के लिए है. जबकि 2 लाख आवासीय भूखंड के लिए, 1.5 लाख रुपये गृह निर्माण के लिए, 72 हजार शिफ्टिंग के लिए और 10 हजार ट्रांसपोर्टेशन के लिए विस्थापित को दिए जाएंगे. इनके अलावा जो विस्थापित परिवार 2 लाख आवासीय भूखंड के नहीं लेंगे उन्हें साढ़े 12 डिसमिल जमीन पुनर्वास स्थल पर प्रदान किए जाएंगे.
विकास पुस्तिका निर्माण का सबसे महत्वपूर्ण प्रस्ताव यह है कि जिस विस्थापित परिवार में यदि दिव्यांग सदस्य हैं, तो उन्हें अलग परिवार मानते हुए उनके नाम अलग विकास पुस्तिका जारी की जाएगी. इसके तहत सारी सुविधाएं प्रदान की जाएगी और आर्थिक पैकेज भी मिलेगा.