झारखण्ड वाणी

सच सोच और समाधान

प्यार कभी व्यापार नहीं है

प्यार कभी व्यापार नहीं है
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कैसे कह दूँ, प्यार नहीं है
बंधन भी स्वीकार नहीं है

बरबस तेरी यादें दिल में
मन पर भी अधिकार नहीं है

कुछ खोया तो पाया भी कुछ
प्यार, कभी बेकार नहीं है

प्यार सलामत तभी जिन्दगी
सूना ये संसार नहीं है

आँखों आँखों में महसूसो
प्यार कभी व्यापार नहीं है

यह मेरा है सब कहते पर
अपना तो घर द्वार नहीं है

सुमन मुहब्बत और फकीरी
इक दोनों, तकरार नहीं है

श्यामल सुमन