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पति की मौत के बाद बच्चों को अपने कब्जे में रख विधवा को किया बेघर, सीडब्ल्यूसी ने सौंपा बच्चा

रांची के रातू इलाके की रहने वाली एक विधवा को उसके ससुरालवालों ने घर से निकाल दिया और उसके बच्चों को भी रख लिया. महिला ने अपनी छोटी बेटी को वापस लेने के लिए विधवा थाना और सीडब्ल्यूसी के पास
गुहार लगाई. सीडब्ल्यूसी की अध्यक्ष रूपा वर्मा ने मामले पर सुनवाई कर बच्ची को ससुरालवालों से लेकर उसे महिला दीपमाला सिंह को सौंप दिया.

रांची: शहर के रातू इलाके की रहने वाली एक विवाहिता के पति की मौत के बाद उसे ससुरालवालों ने घर से निकाल दिया, साथ ही उसके बच्चों को अपने कब्जे में ले लिया. तीन बच्चों में से अपने सबसे छोटी तीन साल की बच्ची को सौंपने की गुहार लिए विधवा थाना और सीडब्ल्यूसी के चक्कर काटती रही, जिसके बाद संज्ञान लेते हुए सीडब्ल्यूसी की अध्यक्ष रूपा वर्मा ने सुनवाई की और महिला दीपमाला सिंह के ससुराल वालों से तीन साल की बच्ची को मंगवा कर उसे सौंप दिया. महिला ने सीडब्ल्यूसी के पास की गई शिकायत में बताया था कि पति सूरज सिंह के मौत के 13 दिन बाद ही ससुरालवालों ने उनके तीन बच्चों को जबरन अपने पास रख लिया और बेघर कर दिया. इसके बाद महिला दीपमाला सिंह ने बच्ची की मांग को लेकर सीडब्ल्यूसी से गुहार लगाई थी.
मामला सामने आने के बाद सीडब्ल्यूसी ने शनिवार की सुबह सभी बच्चों को रेस्क्यू करवाते हुए सीडब्ल्यूसी कार्यालय में पेश किया. दोनों पक्षों और मां से पूछताछ की गई, जिसमें दीपमाला सिंह ने सीडब्ल्यूसी को बताया कि वह तीन साल की बच्ची विजयलक्ष्मी को अपने साथ मायके ले जाना चाहती है. इसके बाद सीडब्ल्यूसी की अध्यक्ष रूपा वर्मा ने मां की बातों को सुनते हुए सुनवाई पूरी की और ससुराल पक्ष से लेकर पुलिस को तीन साल की बच्ची को मां दीपमाला सिंह को सौंपने का निर्देश दिया. बच्ची मिलते ही सभी के चेहरे खिल उठे और सीडब्ल्यूसी के अध्यक्ष रूपा वर्मा को विवाहिता ने धन्यवाद दिया. देर शाम को ही सभी परिवार तीन साल की बच्ची को लेकर
छत्तीसगढ़ के लिए रवाना हो गए. फिलहाल सीडब्ल्यूसी के अध्यक्ष ने कहा है कि 15 दिसंबर को मामले की अगली सुनवाई होगी और दीपमाला को बच्ची के साथ आना होगा, अन्य दो बच्चों पर भी सीडब्ल्यूसी की नजर रहेगी.