झारखण्ड वाणी

सच सोच और समाधान

मोबाइल टावरों के विकिरण से स्वास्थ्य पर कोई प्रत्यक्ष प्रभाव नहीं

मोबाइल टावरों के विकिरण से स्वास्थ्य पर कोई प्रत्यक्ष प्रभाव नहीं

रांची। टर्म सेल, रांची यूनिट, झारखंड राज्य, बिहार एलएसए द्वारा मोबाइल टावरों और मोबाइल हैंडसेट द्वारा निकलने वाली विकिरण के प्रति आम आदमी को जागृत करने के लिए 12 अक्टूबर 2021 को एक वेबीनार का आयोजन किया गयाI इस वेबीनार की अध्यक्षता गिरिजेश कुमार मिश्रा, वरिष्ठ उप महानिदेशक, बिहार एलएसए ने की | रमेश चंद्रा उप महानिदेशक , सुप्रिया जायसवाल, निदेशक ,डॉ रेखा चौधरी, प्रधानाध्यापिका मैरीलैन्ड इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट, जमशेदपुर ने अपने विचार व्यक्त किये, विशाल विक्रम, निदेशक ने कार्यक्रम का संचालन कियाI वर्तमान में झारखंड में 45 हजार से ज्यादा बीटीएस है टर्म सेल ने 16000 से ज्यादा बीटीएस साइट का ऑडिट किया है और पिछले सात वर्षों के सर्वे के बाद पता चला है कि लोगों के बीच भ्रम फैलाया जा रहा है कि बीटीएस के विकिरण से मस्तिष्क पर बुरा प्रभाव पड़ता है जब कि ऐसा नहीं है मंगलवार को मोबाइल विकिरण पर आयोजित वेबीनार में तथ्य और मिथक पर राज्य की वर्तमान स्थिति को श्री मिश्रा वरिष्ठ उपमहानिदेशक ने बताया कि ,संचार क्षेत्र रेगुलेटर ने नए मापदंड स्थापित किए हैं भारत अधिक जनसंख्या का देश है यहां पर दस गुना ज्यादा मापदंड लगा दिए गए हैं मोबाइल सेवा में रेडिएशन बीटीएस और हैंडसेट दोनों से होता है हैंडसेट पर रेडिएशन को नापने का पैमाना एस ए आर है जिसका तीव्रता मोबाइल मैं #07# टाइप करने पर पता चलती है हम लोग को टावर एंटीना से दूरी रखना है ना कि टावर से मानको की तय सीमा से अधिक विकिरण होने पर दूर संचार विभाग टेलीकॉम प्रदाताओं पर आर्थिक दंड भी लगाता है उन्होंने कहा कि सरकार की कई महत्वाकांक्षी परियोजनाएं रेडियो फ्रिकवेंसी पर काम करती हैं जैसे कि डिजिटल इंडिया ,स्मार्ट सिटीज ,राष्ट्रीय ब्रॉडबैंड मिशन एवं अन्य प्रोजेक्टों की सफलता इन्हीं मोबाइल टावरों की उपलब्धता पर निर्भर हैIउप महानिदेशक रमेश चंद्रा ने कहा कि कोविड-19 फेस टू के दौरान व्हाट्सएप में मिथक मैसेज सब जगह घूम रहा था कि ,5G मोबाइल टावर की वजह से कोविड-19 फैल रहा है लोगों में इस तरह के भ्रम को दूर करने के लिए इस तरह के वेबीनार कराने की जरूरत है इमरजेंसी में लोगों को सहायता की जरूरत पड़ती है ऐसे में इस टेक्नोलॉजी से लोग एक दूसरे से बात टावर से करते हैं और मैसेज पास करते हैं मोबाइल रेडियो फ्रिकवेंसी पर काम करते हैं रेडियो नॉन आईओनाइजिग है इसका मतलब है यह जेनेटिक चेंज नहीं कर सकती है केवल हीटिंग इफेक्ट दे सकती है डॉ रेखा चौधरी, मुख्य अतिथि ने कहा कि मोबाइल टावर की विकिरण से किसी भी प्रकार का स्वास्थ्य पर प्रभाव नही पड़ता है अंत में सुप्रिया जायसवाल ने कहा कि https://tarangsanchar.gov.in/EMFPortal/Home पर ईएमएफ नापने के लिए प्रति साइट चार हज़ार की राशि का भुगतान करना होता है तरंग संचार पोर्टल मोबाईल टावर्स और ईएमएफ उत्सर्जन के बारे में जानकारी प्रदान करता है विशाल विक्रम ने सभी को धन्यवाद दिया