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मनरेगा से संचालित गांववार योजनाओं की रिर्पोट तलब, लापरवाही पर नपेंगे अधिकारी- सिद्धार्थ त्रिपाठी

रांची में शुक्रवार को मनरेगा आयुक्त सिद्धार्थ त्रिपाठी ने उप विकास आयुक्तों के साथ मनरेगा से संचालित होने वाली योजनाओं की समीक्षा ली. जहां उन्होंने मनरेगा से संचालित गांववार योजना रिर्पोट की मांग की. साथ ही कहा कि अiगर कोई मनरेगा योजना अगर बंद पाई गईं तो, संबंधित अधिकारी और कर्मियों पर कार्रवाई की जाएगी.

रांची: कोरोना के दौर में प्रवासी मजदूरों के साथ-साथ स्थानीय मजदूरों को रोजगार दिलाने के लिए सरकार एड़ी चोटी का जोर लगा रही है. इस कड़ी में शुक्रवार को मनरेगा आयुक्त सिद्धार्थ त्रिपाठी ने योजनाओं की समीक्षा की हैं.
उप विकास आयुक्तों के साथ समीक्षा बैठक के दौरान मनरेगा आयुक्त ने जिलों में संचालित गांववार योजनाओं की रिर्पोट मांगी. वैसे गांव जहां योजनाऐं संचालित नहीं हो रही हैं, वहां प्राथमिकता के आधार पर योजनाएं संचालित करने का निर्देश दिया. उन्होंने स्पष्ट किया कि अगर योजनाएं बंद पाई गईं तो संबंधित अधिकारी और कर्मियों पर कार्रवाई की जाएगी
समीक्षा बैठक के दौरान यह बात सामने आई थी खूंटी के गुनी गांव के लोगों ने 350 एकड़ भूमि में मिट्टी और जल प्रबंधन का काम किया है. यही नहीं अब तक जहां 50 एकड़ में एक फसली खेती होती थी. वहां, ग्रामीण तीन फसली खेती कर रहे हैं. साथ ही बिरसा हरित ग्राम योजना की मदद से ग्रामीणों ने 5 एकड़ मे आम बागवानी का गड्ढा तैयार किया है. यह काम लॉकडाउन के महज 3 महीनों मे गुनी गांव के लोगों ने कर दिखाया है, जो अपने आप मे झारखंड के लिए एक मिसाल है. साथ ही नीलाम्बर-पिताम्बर जल समृद्धि योजना के टीसीबी और मेड़ बंदी कार्य भी चल रहा है. वहीं,समीक्षा बैठक में विशेष कार्य पदाधिकारी बैजनाथ राम, एमआईएस नोडल ऑफिसर पंकज राणा और स्टेट प्रोजेक्ट ऑफिसर शिव शंकर भी मौजूद रहे.