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कोविड-19 से जुड़ी कई भ्रातियां समाज में विद्यमान हैं जिनका दूर किया जाना बेहद जरूरी है-प्रसांता दाश

हमें आने वाले त्योहारों में कोविड -19 अनुरूप व्यवहार का लगातार पालन करना जरूरी है – अरिमर्दन सिंह

रांची: पत्र सूचना कार्यालय, रीजनल आउटरीच ब्यूरो, रांची, फील्ड आउटरीच ब्यूरो, गुमला और यूनिसेफ झारखंड के संयुक्त तत्वावधान में “कोविड-19 के सुरक्षा नियम ही सर्वोत्तम बचाव एवं टीकाकरण” विषय पर आज वेबिनार परिचर्चा का आयोजन किया गया।
वेबिनार परिचर्चा की अध्यक्षता करते हुए अपर महानिदेशक पीआईबी- आरओबी, रांची अरिमर्दन सिंह ने कहा कि यह परिचर्चा बहुत ही समसामयिक है क्योंकि एक तरफ हमारे देश में कोविड टीकाकरण का विश्व का सबसे बड़ा अभियान चलाया जा रहा है, वहीं हम देख रहे हैं कि देश में कोरोना के केस एक बार फिर से बढ़ रहे हैं। होली, गुड फ्राइडे जैसे त्योहारों का समय भी आ रहा है जिससे बाजारों में भीड़ बढ़ेगी। यह जरूरी है कि हम सब कोविड के सही नियमों का लगातार पालन करते रहें क्योंकि अभी कोरोना गया नहीं है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 से लड़ने का एकमात्र और बेहतर उपाय टीकाकरण ही है।
वेबिनार में अतिथि वक्ता के रूप में शामिल यूनिसेफ झारखंड के चीफ ऑफ फील्ड ऑफिस प्रसांता दाश ने कहा कि एक तरफ जहां कई त्यौहार आ रहे हैं, वहीं हम झारखंड में देखते हैं कि जनता कोविड एप्रोप्रियेट बिहेवियर को ठीक से फॉलो नहीं करती है। ऐसे में सूचना प्रसारण मंत्रालय तथा राज्य सरकार के सभी विभागों का प्रयास जरूरी होगा कि हम उन लोगों तक भी कोविड बिहेवियर के मैसेज पहुंचाएं जो दूरदराज के क्षेत्र में रहते हैं। कोविड-19 और टीकाकरण से जुड़ी हुई बहुत सारी भ्रांतियां हमारे समाज में विद्यमान हैं जिन्हें दूर किया जाना बेहद जरूरी है।
डॉ उमेश चंद्र सिंह, आई इ सी सेल हेड, नेशनल हेल्थ मिशन, झारखंड सरकार ने कहा कि हम कोरोना से तीन स्तरों पर लड़ रहे हैं। पहला है प्रिवेंशन, दूसरा ट्रीटमेंट और तीसरा यूनियनाइजेशन। प्रिवेंशन के तरीके जैसे लगातार हाथ धोना, मास्क पहनना और सामाजिक दूरी का पालन करना। यह सब हम सभी कर रहे हैं और इसे करते रहना है। अगर हम टीकाकरण की बात करें तो यह एक बहुत ही जरूरी कदम है जो धीरे-धीरे गति पकड़ रहा है। इसके लिए हम को-विन एप या आरोग्य सेतु के जरिए रजिस्टर करा कर नंबर आने पर टीके लगवा सकते हैं। इसके लिए सिर्फ एक फोटो आईडेंटिटी की जरूरत पड़ती है। जिनको दोनों टीके लग जाते हैं उनको ऑनलाइन सर्टिफिकेट भी उपलब्ध कराया जाता है। अब हम देख रहे हैं कि जैसे-जैसे ज्यादा लोग टीके लगवा रहे हैं और कोरोना के केस भी फिर से बढ़नी शुरू हो गई हैं, वैसे वैसे ज्यादा से ज्यादा लोग अब टीका लगवाने के लिए वैक्सीनेशन सेंटर्स पर आ रहे हैं।
यूनिसेफ झारखंड के हेल्थ स्पेशलिस्ट डॉ राहुल शालीग्राम कापसे ने कहा कि झारखंड की बात करें तो यहां पर 1.21 लाख केस हुए हैं, जो एक मिलियन पर 3253 होता है, यह देख कर आंकड़े एक मिलियन पर 8000 से ज्यादा केस से काफी कम हैं। झारखंड में कोरोना से मृत्यु के मामले भी 1% से कम है जो कि राष्ट्रीय औसत से बेहतर है। अगर हम वैक्सीन कवरेज की बात करें तो पहले फेज में चार लाख तथा दूसरे फेज में अड़तीस लाख लोगों को लगाने का लक्ष्य है। लेकिन इस क्षेत्र में हमें और तेजी से काम करने की जरूरत है। कोई वैक्सीन एक सौ प्रतिशत असरदार नहीं होती अतः हमें कोविड से बचाव के नियमों का लगातार पालन करते रहना होगा।
वेबिनार का समन्वय एवं संचालन क्षेत्रीय प्रचार अधिकारी महविश रहमान ने किया। यूनिसेफ झारखंड की कम्युनिकेशन, एडवोकेसी एवं पार्टनरशिप ऑफिसर आस्था अलंग ने समन्वय किया और अतिथियों को धन्यवाद ज्ञापन दिया। क्षेत्रीय प्रचार अधिकारी ओंकार नाथ पांडेय ने समन्वय में सहयोग दिया। वेबिनार में विशेषज्ञों के अलावा शोधार्थी, छात्र, पीआईबी, आरओबी, एफओबी, दूरदर्शन एवं आकाशवाणी के अधिकारी-कर्मचारियों तथा दूसरे राज्यों के अधिकारी-कर्मचारियों ने भी हिस्सा लिया। गीत एवं नाटक विभाग के अंतर्गत कलाकार एवं सदस्य, आकाशवाणी के पीटीसी, दूरदर्शन के स्ट्रिंगर तथा विभिन्न मीडिया हाउस के संपादक और पत्रकार भी शामिल हुए।