जमशेदपुर- आज हनुमत सेवा दल के द्वारा आयोजित श्री श्री 1008 श्री लक्ष्मी नारायण यज्ञ एवं भागवत कथा के सप्तम दिवस आचार्य कन्हैया झा ने आज के यजमान ए के गिरी, पंकज कुमार ,राजेश कुमार, शशि गुप्ता ,अगस्त गिरी एवं मृत्युंजय श्रीवास्तव सपत्नीक के गणपति अंबिका पूजन , वरुण पूजन के उपरांत आवाहित समस्त देवी देवता का पूजन कर मंडप पूजन वेदी पूजन के बाद सामूहिक रूप से लक्ष्मी नारायण का पूजन किया । सभी यजवानों ने आचार्य को पूजन कर सामूहिक रूप से हवन किया। हवन के बाद 1008 दीयों से आरती किया गया । सायं 4:00 बजे व्यास पीठ पर वृंदावन से पधारे श्री योगेश प्रभाकर जी महाराज को यज्ञ समिति के समस्त सदस्यों ने पुष्प पंखुड़ियों को बिखरते हुए व्यास पीठ पर विराजमान किया । व्यास पीठ का पूजन में आज के यजमान ए के गिरी , सुनील सिंह, शशि कुमार ,राजेश कुमार, पंकज कुमार ,श्री गोराई ,रमाशंकर सिंह ने व्यास पीठ का पूजन किया। आज के कथा में व्यासपीठ से श्री योगेश प्रभाकर जी महाराज जी ने भगवान श्री कृष्ण का बाल लीला के वर्णन के बाद उद्धव गोपी संवाद का वर्णन किया। महाराज श्री ने कहा उद्धव जी के लाख समझाने के बाद भी गोपियां भगवान के प्रेम से किंचित मात्र भी अडिग नहीं हुई ।रुक्मणी विवाह के कथा के साथ कृष्ण रुकमणी की झांकी निकाली गई ।रुक्मणी विवाह को उपस्थित भक्तों ने उत्सव की तरह मनाया। कथा के बाद सामूहिक आरती किया गया । आरती के बाद राजेश कुमार जी सपत्नीक के द्वारा प्रसाद बांटा गया । कथा में मुख्य रूप से सुधीर कुमार झा, विपिन झा , नीरज झा , धीरज झा, अमित गिरी, तरुण चौधरी , राम शंकर झा, राम शंकर सिंह , विवेक श्रीवास्तव , राम सागर मिश्रा एवं अन्य भक्त बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
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हनुमत सेवा दल के द्वारा आयोजित श्री श्री 1008 श्री लक्ष्मी नारायण यज्ञ एवं श्रीमद् भागवत कथा का अष्टम दिवस आचार्यों ने आज के यजमान राम सहाय मौर्य , कीर्ति नारायण ठाकुर ,विजय गुप्ता को गणपति अंबिका का पूजन कराकर यज्ञ मंडप में आवाहित समस्त देवी देवता का पूजन कर मंडप पूजन एवं दिगरक्षणम कराया
हनुमत सेवा दल के द्वारा नवदिवसीय श्री श्री 1008 श्री लक्ष्मी नारायण यज्ञ का छठा दिवस यज्ञ के आचार्य श्री कन्हैया झा ने यज्ञ के मुख्य यजमानों को बेदी पूजन, मंडप पूजन के बाद लक्ष्मी नारायण भगवान का पूजन कराया
हनुमत सेवा दल के द्वारा आयोजित श्री श्री 1008 श्री लक्ष्मी नारायण यज्ञ एवं श्रीमद् भागवत कथा पंचम दिवस को प्रातः 4:00 बजे से ही मातृ शक्तियों के द्वारा यज्ञ भगवान का परिक्रमा प्रारंभ हो गया