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दुष्कर्म की वारदातों को रोकने के लिए पुलिस चलाएगी जागरूकता अभियान, मुख्यालय से जारी हुआ आदेश

राज्य में हर दिन दुष्कर्म की घटनाएं देखने को मिलती हैं. देश में दुष्कर्म की वारदातों को लेकर झारखंड आठवें स्थान पर है. ऐसे में झारखंड पुलिस ने इस संबंध में सभी जिलों के एसपी को निर्देश दिया है कि दुष्कर्म की वारदातों को रोकने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जाएगा.

रांची: झारखंड पुलिस राज्य में दुष्कर्म की वारदातों को रोकने के लिए जागरूकता अभियान चलाएगी. राज्य पुलिस मुख्यालय ने इस संबंध में सभी जिलों के एसपी को निर्देश दिया है.
हाल ही में झारखंड के साहिबगंज और गुमला में नाबालिगों के साथ दुष्कर्म की वारदात के चर्चा में आने के बाद पुलिस मुख्यालय ने इस संबंध में फैसला लिया है. सभी जिलों के एसपी को कहा गया है कि वह गांव-गांव में दुष्कर्म के वारदातों को रोकने के लिए जागरूकता अभियान चलाएं. नुक्कड़ नाटक, पोस्टर समेत अन्य माध्यमों से आम लोगों को जागरूक किया जाएगा. कुछ दिनों में राज्य में दुष्कर्म के मामले ज्यादा चर्चा में आए हैं. राज्य में अगस्त माह तक कुल 1,195 दुष्कर्म के वारदात राज्य के थानों में दर्ज हुए है.
हर दिन औसतन पांच दुष्कर्म की वारदात
देश में दुष्कर्म की वारदातों को लेकर झारखंड आठवें स्थान पर है. साल 2019 के एनसीआरबी के आंकड़ों के लिहाज से झारखंड में साल 2019 में दुष्कर्म की 1416 घटनाएं दर्ज हुई है. वहीं, सीआइडी मुख्यालय के आंकड़ों को सही मानें तो इस साल एक जनवरी से 31 जुलाई के बीच यानि 220 दिनों में दुष्कर्म की 1039 वारदातें हुई है. साल 2019 में औसतन प्रति दिन 3.86 महिलाओं से दुष्कर्म की वारदात हुई. साल 2020 में दुष्कर्म की औसतन वारदात प्रतिदिन बढ़कर 4.87 हो गई है.
एनसीआरबी और सीआईडी के आंकड़ों की मानें तो साल 2019 की तुलना में 2020 में दुष्कर्म की औसत वारदातों में बढ़ोतरी हुई है. 22 मार्च 2020 के बाद देशभर में लॉकडाउन लागू था. बावजूद इसके दुष्कर्म की घटनाओं में सिर्फ अप्रैल माह में गिरावट आई है. संपूर्ण लॉकडाउन के बाद भी अप्रैल में 104 और मई में दुष्कर्म की 169 वारदातें हुई. साल 2019 में एक दिन में औसतन प्रति दिन जहां चार वारदातें होती थी 2020 में अबतक औसतन पांच वारदातें रोजाना हुई है. झारखंड में दुष्कर्म के अधिकांश मामलों में परिचित, पड़ोस या परिवार के लोग आरोपी है. आंकड़ों की मानें तो 1416 में 1334 वारदातों में आरोपी दुष्कर्म पीड़िता का परिचित था. 88 मामलों में परिवार के सदस्य, 353 मामलों पर पारिवारिक मित्र, पड़ोसी, रोजगार प्रदाता की संलिप्तता सामने आई है. मित्र, लिव इन पार्टनर या शादी का झांसा देकर दुष्कर्म के 889, अज्ञात व्यक्तियों के संलिप्तता के 82 कांड दर्ज हुए हैं.