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दस सालों से घाटे में चल रही टीआरएफ कंपनी देगी बोनस, कर्मचारियों को मिलेंगे न्यूनतम 15 हजार रुपये

दस सालों से घाटे में चल रही टीआरएफ कंपनी देगी बोनस, कर्मचारियों को मिलेंगे न्यूनतम 15 हजार रुपये

दस वर्षों से घाटे में चल रही टीआरएफ कंपनी में आज बोनस समझौता हो गया. टीआरएफ प्रबंधन और टाटा रॉबिन्स फ्रेजर लेबर यूनियन के बीच वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए बोनस समझौता पर हस्ताक्षर हुआ. कर्मचारियों को न्यूनतम वार्षिक बोनस के तौर पर 15262 रुपये और अधिकतम 20613 रुपये मिलेंगे.
दस वर्षों से घाटे में चल रही टीआरएफ कंपनी में आज बोनस समझौता हो गया. टीआरएफ प्रबंधन और टाटा रॉबिन्स फ्रेजर लेबर यूनियन के बीच वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए बोनस समझौता पर हस्ताक्षर हुआ. समझौते के तहत यूनियन के सभी कर्मचारियों को बोनस का लाभ मिलेगा. बोनस भुगतान अधिनियम 2015 के आधार पर किया जाएगा.
यूनियन के विशेष अनुरोध पर 2021-22 के चौथी तिमाही में लाभ को देखते हुए प्रबंधन ने सभी कर्मचारियों को पांच हजार रुपये सदभावना राशि देने पर सहमति बनी. कर्मचारियों को न्यूनतम वार्षिक बोनस के तौर पर 15262 रुपये और अधिकतम 20613 रुपये मिलेंगे. इसमें सदभावना राशि भी शामिल है.
बोनस समझौते पर प्रबंधन की ओर से प्रबंध निदेशक आलोक कृष्णा, सीएफओ आनंद चांद, सीएचआईओ क्यू तौहीद, महाप्रबंधक मैन्युफैक्चरिंग वी के सिंह और एजीएम अरविंद कुमार शामिल थे. वहीं यूनियन की ओर से राकेश्वर पांडे,अध्यक्ष संजय कुमार उपाध्यक्ष, एमएच हीरामानेक, महासचिव अंजनी कुमार, सहायक सचिव, नवीन कुमार, कोषाध्यक्ष, मनोज कुमार सिंह ने बोनस समझौते पर हस्ताक्षर किया. कर्मचारियों को बोनस की राशि कल ही बैंक के अकाउंट में भेज दी जाएगी.
लगातार दस से घाटे में चल रही टाटा स्टील की अनुषंगी कंपनी टाटा रोबिन फ्रेजर (टीआरएफ) चालू वित्तीय वर्ष में मुनाफे में आ गयी है. पिछले वित्तीय वर्ष की चौथी तिमाही में कंपनी को 29 करोड़ और चालू वित्तीय वर्ष के पहली तिमाही में 18 करोड़ मुनाफा हुआ है. टीआरएफ ने अपने घाटे को कम किया है. कंपनी ने 147.81 करोड़ रुपये का कारोबार बीते वित्तीय वर्ष 2021-2022 में किया है. जो 2020-2021 में 117.98 करोड़ रुपये था. टैक्स देनदारी के पहले का घाटा अब 20.35 करोड़ रुपये हो गया है, जो पिछले वित्तीय वर्ष में घाटा 67.96 करोड़ रुपये था. पिछले साल टीआरएफ कर्मचारियों को 8.33% बोनस मिला था. बोनस समझौते के अनुसार कर्मचारियों को न्यूनतम 9048 रुपये और अधिकतम 14864 रुपये मिला था.