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दिल्ली पदयात्रा कर लोकसभा के समक्ष प्रदर्शन कर  प्रधानमंत्री  से ग्रामीण जलापूर्ति योजना को धरातल पर उतारने की गुहार लगाई जाएगी

बागबेड़ा ग्रामीण जलापूर्ति योजना को धरातल पर उतारने की मांग को लेकर जमशेदपुर से दिल्ली तक की पदयात्रा 21 मार्च से करने की घोषणा

 

जमशेदपुर-  बागबेड़ा ग्रामीण जलापूर्ति योजना की लड़ाई 2005 से क्रमबद्ध बागबेडा महानगर विकास समिति के अध्यक्ष सुबोध झा  एवं संपूर्ण घाघीडीह विकास समिति के अध्यक्ष छोटे राय मुर्मू के नेतृत्व में चलाई जा रही है। और बागबेड़ा घाघीडीह कीताडीह की जनता भी आंदोलनकारियों का साथ 2005 से देते रहे हैं। 2015 में झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास  के द्वारा बागबेड़ा एवं छोटा गोविंदपुर ग्रामीण जलापूर्ति योजना का शिलान्यास बागबेड़ा के सिद्धू कानू मैदान में किया गया और  2018 तक घर-घर पानी उपलब्ध कराने का संकल्प भी सरकार ने लिया। और सभी लोगों से 450 रुपया जनरल से और 225 रुपया एससी और एसटी से लिया गया है। 21000 घरों से यह पैसे वसूले गए हैं और आज तक एक बूंद भी पानी बागबेड़ा घाघीडीह कीताडीह की 113 गांव की जनता को नहीं प्राप्त हुआ। सामाजिक संस्था बागबेड़ा महानगर विकास समिति एवं संपूर्ण घाघीडीह विकास समिति के द्वारा 399 बार धरना प्रदर्शन घेराव भूख हड़ताल लोकसभा में वोट बहिष्कार, हजारों लोगों का हस्ताक्षर युक्त मांग पत्र  राज्यपाल , मुख्यमंत्री  को कई  बार छह बार विधानसभा घेराव दो बार राजभवन घेराव 2012 में जमशेदपुर से रांची समिति के सदस्यों के द्वारा पदयात्रा के माध्यम से विधानसभा घेराव किया गया विधानसभा स्थगित कर बागबेड़ा ग्रामीण जलापूर्ति योजना की स्वीकृति झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा  के द्वारा की गई और  पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के मंत्री हेमंत सोरेन  के द्वारा इस योजना को यथाशीघ्र धरातल पर उतारने का आश्वासन दिया गया था। ।बागबेड़ा ग्रामीण जलापूर्ति योजना से 400000 लोग पानी के बूंद बूंद के लिए तरस रहे हैं। बागबेड़ा ग्रामीण जलापूर्ति योजना के अंतर्गत किए गए सारे कार्य आधे अधूरे और घटिया निर्माण कर छोड़ दिया गया है। योजनाएं ध्वस्त होती जा रही है जो जांच का विषय है।
हमारी प्रमुख मांगे इस प्रकार से है।
१ , बागबेड़ा ग्रामीण जलापूर्ति योजना को अविलंब धरातल पर उतारा जाए।
२ , बागबेड़ा ग्रामीण जलापूर्ति योजना से 113 गांव 19 पंचायत के 225000 जनता को घर-घर पाइपलाइन के माध्यम से पानी उपलब्ध कराया जाए।
३ , बागबेड़ा रेलवे क्षेत्र की 33 बस्तियों में 23 किलो मीटर पाइप लाइन बिछाकर घर-घर पानी की व्यवस्था उपलब्ध कराई जाए।
४ , बागबेड़ा एवं छोटा गोविंदपुर ग्रामीण जलापूर्ति योजना के लिए स्वीकृत 237 करोड़ रुपए विभाग के द्वारा घटिया निर्माण किए गए की न्यायिक जांच हो एवं 237 करोड़ रुपए विभाग के जो भी पदाधिकारी इस पैसे की बंदरबांट किए हैं उनके जमीन जाल  बेचकर एवं उनके पेमेंट से इस पैसे को रिकवरी कर ग्रामीण जलापूर्ति योजना को धरातल पर उतारा जाए।
5 , बागबेड़ा ग्रामीण जलापूर्ति योजना में 450 रुपए और  225 रुपए करके जो पैसे वसूले गए हैं यह करोड़ों रुपए जनता को सूद समेत वापस कराया जाए।
6 , बागबेड़ा के 7 पंचायत घाघीडीह के 5 पंचायत कीताडीह के 3 पंचायत परसुडीह के 4 पंचायत को पंचायत से हटाकर जुगसलाई नगर परिषद में शामिल किया जाए।
7, टाटा स्टील को सरकार की तरफ से सीएसआर के तहत उपलब्ध 200 करोड़ रुपए में से 25% रुपए से ग्रामीण क्षेत्रों में मौलिक सुख सुविधा के अंतर्गत 8 किलोमीटर दायरा में पानी बिजली शिक्षा स्वास्थ्य सड़क की व्यवस्था उपलब्ध कराने का आदेश दिया जाए।
8 , बागबेड़ा ग्रामीण जलापूर्ति योजना सरकार नहीं उतारना चाहती है ।तो मौलिक सुख सुविधा के अंतर्गत टाटा स्टील जुस्को के माध्यम से 425000 लोगों को बागबेड़ा एवं गोविंदपुर को पानी की व्यवस्था सरकार उपलब्ध कराने का आदेश दे।
बागबेडा महानगर विकास समिति एवं संपूर्ण घाघीडीह विकास समिति के सदस्य 21 मार्च को जमशेदपुर से दिल्ली पदयात्रा कर लोकसभा घेराव के क्रम में झारखंड राज भवन , झारखंड विधानसभा पर प्रदर्शन करते हुए, दिल्ली पदयात्रा कर लोकसभा के समक्ष प्रदर्शन कर  प्रधानमंत्री  से ग्रामीण जलापूर्ति योजना को धरातल पर उतारने की गुहार लगाई जाएगी। इसकी सूचना राष्ट्रपति  भारत सरकार नई दिल्ली, राज्यपाल झारखंड रांची, मुख्यमंत्री झारखंड सरकार रांची, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग  केंद्रीय मंत्री भारत सरकार नई दिल्ली, सांसद  विद्युत वरण महतो जमशेदपुर,मुख्य सचिव झारखंड सरकार रांची ‌, विधायक पोटका विधानसभा को दी गई है