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महालक्ष्मी मंदिर में शिव पुराण कथा का पांचवा दिन, शिव बारात की झांकी रही आकर्षण का केंद्र मानवता ही सबसे बड़ा धर्म है- आचार्य श्री राजेंद्र जी महाराज

महालक्ष्मी मंदिर में शिव पुराण कथा का पांचवा दिन, शिव बारात की झांकी रही आकर्षण का केंद्र मानवता ही सबसे बड़ा धर्म है- आचार्य श्री राजेंद्र जी महाराज

जमशेदपुर – पूर्वी सिंहभूम जिला अग्रवाल सम्मेलन एवं सत्य नारायण मारवाड़ी ठाकुरबाड़ी ट्रस्ट के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित सात दिवसीय दिव्य शिव पुराण कथा के पांचवा दिन व्यासपीठ पर विराजमान श्रीधाम वृदांवन से पधारे राजेंद्र जी महाराज ने कहा कि पति की बातों का सम्मान करना महिलाओं का कर्तव्य है। घर में महिलाओं की भावनाओं का भी आदर होना चाहिए, तभी पारिवारिक संसार अच्छे से चलता है। परिवार का विकास होता है। धन-संपत्ति और समृद्धि आती है। जहां दोनों में टकराव होता है, वहां प्रगति थम जाती है। भक्ति के बिना जीवन अधूरा है। 84 लाख योनियों में सबसे सुंदर शरीर मनुष्य का है। भगवान के आशीर्वाद के बिना मनुष्य जीवन प्राप्त नहीं होता। नर तन सम नहीं कोन्यो देहि, जीव चराचर जाचत जेहि। भगवान ने मनुष्य शरीर भगवान की सेवा के लिए बनाया है। सेवा सबसे बड़ा धर्म है। कथा व्यास ने कहा कि शिवपुराण महोत्सव में लोग कई तरह की सेवा कर रहे हैं। कोई तन से तो कोई मन से तो कोई धन से सेवा कर रहा है। मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। और मानवता ही सबसे बड़ा धर्म है।
*जो शिव की भक्ति करते हैं, उन्हें वे सब कुछ प्रदान करते हैं*
महाराज जी ने शिव विवाह प्रसंग में सती चरित्र का वर्णन किया। कहा कि सती ही दूसरे जन्म में पार्वती बनीं। भक्ति और प्रेम के कारण उन्होंने शिव की आराधना की और दूसरे जन्म में भी शिव के साथ उनका विवाह हुआ। गौरी शंकर महादेव के नाम से विख्यात हुए। आज भी विवाह के अवसर पर शिव के साथ पार्वती की पूजा होती है। शादी के पूर्व लड़कियां गोरा की पूजा करती हैं, जिससे उनके समस्त मनोरथ पूर्ण होते हैं। भगवान शिव आशुतोष हैं। आशुतोष का मतलब शीघ्र प्रसन्न होने वाला जो उनकी भक्ति करता है, उसे वह सब कुछ प्रदान करते हैं। भगवान शिव औघड़ दानी है। सत्यम शिवम् सुंदरम् है। वह सिर्फ देते हैं, लेते कुछ भी नहीं

वैदिक मंत्रोच्चार के साथ दर्जनों भक्तों ने गंगा मिट्टी के बने एक हजार पार्थिव शिवलिंग का पूजन विधि-विधान के साथ किया गया. मुख्य यजमान के रुप में की इन्होंने पूजा – शशांक गुप्ता, अमित गुप्ता, राजा गुप्ता, संजय झाझरिया,विमल रिंगसिया।

शिव भक्त अंकित जैन ने मंदिर का भव्य शृंगार करवाया. कथा के पश्चात माँ वनभौरी परिवार, सुनील जैन घाटशिला, स्व: अशोक अग्रवाल (फतेहचंद सूरजमल) द्वारा प्रसाद का वितरण किया गया.

महिलाओं ने 1008 बेलपत्रों पर रामनाम अंकित कर भगवान पिनाकी पर अर्पित किये. –
मंजू कांवटिया, शालिनी अग्रवाल, ममता मूनका, मनीषा मुरारका, रश्मि झाझरिया, नेहा चौधरी, संगीता मित्तल अनु, रेखा अग्रवाल, सविता मुरारका, निशा अग्रवाल, शकुंतला अग्रवाल, अंजू चेतानी, संगीता चौधरी, सुनीता चंदुका, अनिता मवंड़िया, मंजू अग्रवाल, रानी अग्रवाल, सीमा जवानपुरिया, ज्योति अग्रवाल, ममता अग्रवाल, खुशबू काउंटिया, कविता अग्रवाल, निभा मोदी, निशा नागेलिया, सोनिया मोदी एवं अनिता अग्रवाल

शिवभक्त कार्यकर्ता रहे सक्रिय –
संदीप मुरारका, अभिषेक अग्रवाल गोल्डी, गौरव अग्रवाल, अमित अग्रवाल, निर्मल पटवारी, सन्नी संघी, पीयूष अग्रवाल, अश्विनी अग्रवाल, उमेश खीरवाल, संजय अग्रवाल, आकाश शाह, दीपक चेतानी, सुरेश शर्मा लिपु, प्रमोद जालूका, विनोद शर्मा, महावीर अग्रवाल गायक, रोहित अग्रवाल, ऋषभ चेतानी, गौरव अग्रवाल बाबु, संजय शर्मा, भरत अग्रवाल, मनोज चेतानी, राहुल चौधरी, अनिल चौधरी, विष्णु धानुका

रही विशेष उपस्थिति –
शम्भू खन्ना,कमल अग्रवाल के पी, कमल किशोर अग्रवाल, सुमन अग्रवाल, अशोक गुप्ता, निर्मल काबरा, किशन अग्रवाल