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दान एक पुण्य का काम है भूमानन्द तीर्थ महाराज माताजी आश्रम में 2000 से ऊपर गरीब और लाचार लोगों के बीच वस्त्र वितरण किया गया

दान एक पुण्य का काम है भूमानन्द तीर्थ महाराज माताजी आश्रम में 2000 से ऊपर गरीब और लाचार लोगों के बीच वस्त्र वितरण किया गया

पूर्व निर्धारित कार्यक्रम  अनुसार आज  श्रीश्री योगेश्वरी आनंदमयी सेवा प्रतिष्ठान माताजी आश्रम हाता केरला के नारायनम आश्रमम तपोबनम तथा वैभव विकास केंद्र जमशेदपुर की ओर से  नौवां दान सत्र का आयोजन किया गया जिसमें 2000 से ऊपर गरीब और लाचार लोगों को कंबल,चादर और मिठाई का पैकेट दिया गया।यह दान सत्र 2012 से चल रहा है।कोरोना काल के कारण 2020,2021 और 2022 को आयोजन नहीं हुआ था।इस वर्ष  नौवां दानसत्र है।
कार्यक्रम के पूर्व भूमानन्द तीर्थ महाराज और माताजी गुरु प्रिया को कीर्तन के साथ आश्रम में स्वागत किया गया तत्पश्चात रामकृष्ण मंदिर ले जाया गया।महाराज ने मंदिर में ठाकुर,माँ और स्वामीजी की पूजा अर्चना की।उसके बाद मंच पर भूमानन्द तीर्थ महाराज,माताजी गुरु प्रिया और आश्रम सेविका चीनू मां को माल्यार्पण किया गया।उसके बाद माताजी गुरु प्रिया में दीप प्रज्वलित कर के दान सत्र का उदघाटन किया।बिनय कालिंदी ने स्वागत भाषण प्रस्तुत किया।उसके बाद माताजी आश्रम के ट्रस्टी सह संचालक सुनील कुमार दे ने स्वागत भाषण देते हुए नौ साल से निरंतर माताजी आश्रम में दान सत्र का आयोजन करके गरीबो की सेवा कर रहे उसके लिए महाराज और आश्रम को धन्यवाद दिया और आभार प्रकट किया।उसके बाद दान सत्र का उद्देश्य पर जगत किशोर दास ने प्रकाश डाला।इस अवसर पर स्वामी भूमानन्द तीर्थ महाराज ने आशीष बचन देते हुए कहा कि दान एक पुण्य का काम है।जिसके पास धन है उसको दान करना चाहिए खासकर गरीब और लाचार व्यक्तियों के लिए दान करने से मन प्रफुल्लित और उदार होता है।माताजी गुरु प्रिया ने कहा कि माताजी आश्रम और यहां की लोगों के साथ प्रेम का तार जुड़ी हुई हैं।यहाँ का महल बहुत ही शांतिप्रिय और भक्तमय हैं।इसलिए बार बार यहां आने का मन करता है।उसके बाद आरती के साथ दान सत्र शुरू हुई दान सत्र के साथ साथ हरिनाम संकीर्तन चलते रहा बाबाजी और माताजी दोनों अपने हाथों से गरीबों को दान दिया।अंत में धन्यवाद ज्ञापन कमल कांति घोष ने किया। कार्यक्रम का संचालन जगत किशोर दास ने किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में आत्मिक बैभव बिकास केंद्र जमशेदपुर की ओर से डॉक्टर एन के दास,दिलीप दत्त,आर एस तिवारी,एस पी चौबे,अशोक कुमार,दिलीप मिश्रा,डीके मिश्रा, आदि के अलावे माताजी आश्रम की ओर से राजकुमार साहू,कृष्ण पद मंडल,विश्वामित्र खंडायत, महेश बियानी,तपन मंडल,महितोष मंडल,सहदेब मंडल,हेमचंद्र पात्र,तरुण दे,बिरेन मंडल,स्वपन दे,सुबोध मंडल,बलराम गोप,शिशिर मंडल,नारायण मंडल,स्वपन मंडल,भबतारण मंडल,बीथिका मंडल,अंजना साहू,झरना साहू,सावित्री गोप,अतसी गोप,रुपाली गोप,सान्तना महाकुड़,शांति भट्टाचार्य, नारायण चटर्जी,अमित मंडल,देवरंजन मंडल,अरुण महतो,बन्दना मंडल,अंजलि मंडल,छबि रानी मंडल,तपन कुमार मंडल,तोड़ित मंडल,लोचना मंडल,बेबी मंडल,बुलु रानी मंडल,रीता रानी मंडल,रीना मंडल ,सनातन महतो आदि का सराहनीय योगदान रहा