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दामोदर नद अब पहले वाली स्थिति में नहीं रह गया

रांची – पर्यावरण मेला के आयोजन सचिव अंशुल शरण ने जानकारी देते हुए बताया कि  जब से मेला प्रारंभ हुआ, तब से लेकर अब तक लोगों का उत्साह कम नहीं हुआ। लोग यहां आते गए और नई-नई चीजों को देखते गए। लोग बैठे भी। कई ने खरीददारी की तो कई संगीत का आनंद लेते देखे गए। चूंकि हम लोग पर्यावरण की थीम पर इस मेले का आयोजन कर रहे हैं, लिहाजा पर्यावरण हमारा कोर इश्यू है। हमारी कोशिश यही रही है कि आम जनता को पर्यावरण के बारे में जितना संभव हो जागरुक किया जाए।
अंशुल बताते हैं कि जितने भी आपने स्टॉल देखे होंगे सभी भारतीय थे। हम लोगों ने तय कर दिया था कि स्टॉल सिर्फ स्वदेशी कंपनियों के उत्पाद बेचने वालों को ही मिलेंगे। चाइनीज माल बेचने वालों को हम लोगों ने स्टॉल दिया ही नहीं। हम लोग यह चाहते हैं कि जो भी लोग आएं वह स्वदेशी प्रोडक्ट बेचें  तो भी हमारी इकोनॉमी ग्रोथ करेगी।
एक सवाल के जवाब में अंशुल ने बताया कि मेले में लोगों की सहभागिता बेहतरीन रही। लोगों में आज भी मेले का कल्चर है। यह शुभ संकेत है। उन्होंने इस बात पर भी प्रसन्नता जाहिर की कि मेले को सभी ने सराहा। उन्होंने बताया कि इस मेले में हम लोगों ने लोगों को यह बताने का प्रयास किया है कि दामोदर नद अब पहले वाली स्थिति में नहीं रह गया। अब उसमें से वह बदबू नहीं आती, जिसके लिए वह नद बदनाम था। अब दामोदर नद 95 प्रतिशत तक निर्मल हो चुका है, उसके पानी का रंग बदल चुका है। ऐसे ही, जो भी पर्यावरण के क्षेत्र में काम किया गया है, उसे हम लोगों ने यहां शोकेस करने की कोशिश की है।