झारखण्ड वाणी

सच सोच और समाधान

राष्ट्रपति से सम्मानित सीआरपीएफ जवान बादल मुर्मू लापता, धरना देकर परिजन कर रहे सीबीआई जांच की मांग

राष्ट्रपति से सम्मानित सीआरपीएफ जवान बादल मुर्मू लापता, धरना देकर परिजन कर रहे सीबीआई जांच की मांग
चाईबासा के रहने वाले सीआरपीएफ जवान बादल मुर्मू पिछले दो महीने से लापता हैं. उनके बारे में तरह-तरह की बातें कही जा रही हैं. लापता जवान के परिजनों ने धरना देकर जल्द से जल्द उन्हें खोजने की मांग की है
चाईबासा: राजनगर थाना क्षेत्र के ऊपरशीला गांव का सीआरपीएफ जवान बादल मुर्मू 6 जनवरी 2023 से सीआरपीएफ कैंप चाईबासा से लापता है. लगभग दो महीने होने को है लेकिन पुलिसिया तंत्र बादल मुर्मू का पता नहीं लगा पाया है. यही कारण है कि आज लापता बादल मुर्मू के परिजन पश्चिम सिंहभूम चाईबासा पुराना डीसी कार्यलय के समक्ष सांकेतिक धरना पर बैठे हैं और मांग कर रहे हैं कि जल्द से जल्द सीआरपीएफ जवान को खोज निकालें उच्च अधिकारियों द्वारा सीआरपीएफ जवान के परिजनों को परेशान करना बंद करें और इस मामले की सीबीआई जांच हो
लगभग दो महीने से लापता सीआरपीएफ जवान बादल मुर्मू के परिजनों के लिए चिंता का कारण बन गया है. उनकी पत्नी झानो मुर्मू का रो रो कर बुरा हाल हो गया पिता की आंखें अभी भी अपने छोटे बेटे की वापसी की आस लगाए हैं बड़ा भाई जो बीएसएफ का जवान है और गुजरात में पोस्टिंग है. अपने छोटे भाई की गुमशुदगी की खबर सुनकर घर लौट आया है और लगभग दो महीने से कभी सीआरपीएफ कैंप तो कभी एसपी ऑफिस तो कभी कोल्हान डीआईजी के ऑफिस के चक्कर काट रहा है. परंतु कोई भी इस मामले में स्पष्ट जवाब देने से मुकर रहे हैं.
यहां तक कि इस मामले की जानकारी मुख्यमंत्री तक को पत्र के माध्यम से दी गई है. परंतु अब तक ना सरकार ना विभाग इस मामले में गंभीर दिख रहा है. परिजनों ने बताया कि अधिकारियों द्वारा परिवार के सदस्यों को गुमराह भी किया जा रहा है. बादल मुर्मू को कभी लापता बताया जा रहा है. कभी उन्हें भगोड़ा कहा जा रहा है. यहां तक कि छह महीने में पेंशन भी जारी करने का पत्र भी भेजा गया है. जो परिजनों के समझ से परे है कि आखिर अधिकारियों के द्वारा ऐसा क्यों किया जा रहा है. लेकिन सीआरपीएफ जवान बादल मुर्मू कहां है या फिर किसी गोपनीय मिशन पर भेजा गया है या नक्सलियों द्वारा उसे बंधक बनाया गया है. कुछ भी स्पष्ट जवाब नहीं दिया जा रहा है. इसलिए परिजनों ने पूरे मामले की सीबीआई जांच की मांग की है. ताकि उन्हें स्पष्ट जवाब और न्याय मिल सके.
उनके परिजनों ने बताया कि सीआरपीएफ जवान बादल मुर्मू 2011 से देश को सेवा दे रहे हैं. कई बार नक्सलियों के साथ मुठभेड़ भी हुई है. 2016 में जब छत्तीसगढ़ में पोस्टिंग थी, उस वक्त नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में जख्मी भी हुए थे और बहादुरी के लिए राष्ट्रपति से सम्मानित भी किये जा चुके हैं. जिसके बाद चाईबासा सीआरपीएफ कैंप में गोपनीय बल के रूप में सेवा दे रहे थे. लेकिन 6 जनवरी 2023 को मकर पर्व के लिए छुट्टी लेकर घर आने वाले थे. लेकिन किसी सीक्रेट मिशन के कारण नहीं लौटे और आज तक उनका कोई पता नहीं चल पाया है