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चौबीस घंटे के अंदर यूपी में शुरू हो जाएगी ऑक्सीजन सप्लाई बोकारो में रैक टूटने से ठप्प हो गया था काम

चौबीस घंटे के अंदर यूपी में शुरू हो जाएगी ऑक्सीजन सप्लाई बोकारो में रैक टूटने से ठप्प हो गया था काम

बोकारो स्टील प्लांट के डीजल शेड स्थित रैक प्वाइंट धंसने से ऑक्सीजन की खेप महाराष्ट्र के लिए रवाना नहीं की जा सकी है. शेड इंचार्ज का कहना है कि दो दिन बाद ही दूसरे राज्यों में ऑक्सीजन की खेप भेजी जा सकती है. ऑक्सीजन की किल्लत की वजह से दूसरे राज्यों को परेशानी हो सकती है.
बोकारो: बोकारो स्टील प्लांट के डीजल शेड स्थित रैक प्वाइंट धंसने से ऑक्सीजन की खेप उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के लिए रवाना नहीं की जा सकी है. हालांकि रैक प्वाइंट के क्षतिग्रस्त पार्ट्स की ढलाई कर दी गयी है. उम्मीद जताई जा रही है कि शुक्रवार से सप्लाई शुरू हो सकती है.
डीजल शेड के इंचार्ज प्रवीण कुमार राय ने बताया कि बोकारो से यूपी, एमपी और महाराष्ट्र समेत अन्य राज्यों के लिए दो दिन बाद रैक रवाना किया जा सकता है. रैक की गाड़ी यार्ड में खड़ी है. जब ऑक्सीजन लेने गाड़ी पहुंची तो शेड सटने लगा. इसके बाद शेड का कुछ हिस्सा तोड़ना पड़ा.
वर्तमान में पूरा देश ऑक्सीजन का संकट झेल रहा है. कोरोना संक्रमित मरीज ऑक्सीजन के लिए परेशान हैं. ऐसे में ऑक्सीजन सप्लाई नहीं होने की वजह से यूपी, एमपी और महाराष्ट्र में सरकार और मरीजों की मुश्किल बढ़ सकती है. बोकारो में तीन कंपनियों को ऑक्सीजन बनाने के लिए लाइसेंस प्राप्त है. अकेले बोकारो स्टील प्लांट हर दिन नब्बे टन तरल मेडिकल ऑक्सीजन देने को तैयार है. बोकारो से ऑक्सीजन बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र को भी भेजी जा रही है. यह आपूर्ति सेल की पार्टनर कंपनी आइनोक्स एयर प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड कर रही है.
बोकारो से ऑक्सीजन भेजने के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाया जाएगा. ट्रेन जब यूपी से ऑक्सीजन लेने के लिए बोकारो भेजी गई थी तब भी ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया था. 270 किलोमीटर की दूरी 4 घंटे 20 मिनट में तय हो गई थी. लंबी दूरी में सड़क परिवहन की तुलना में ट्रेनों के माध्यम से ऑक्सीजन की ढुलाई ज्यादा तेज है. ट्रेनें लगातार चल सकती है जबकि ट्रक से यह काफी मुश्किल है.