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अखिल भारतीय अग्रवाल सम्मेलन के आजीवन सदस्य (सपत्नीक) धर्म चंद्र पोद्दार सदस्य संख्या 4025 ने राष्ट्रीय अध्यक्ष गोपाल शरण गर्ग को एक पत्र मंगलवार को भेजकर कहा है कि 17 – 03 – 23 एवं 02 – 05 – 23 के उनके पत्रों का जवाब नहीं दिया गया

अखिल भारतीय अग्रवाल सम्मेलन के आजीवन सदस्य (सपत्नीक) धर्म चंद्र पोद्दार सदस्य संख्या 4025 ने राष्ट्रीय अध्यक्ष गोपाल शरण गर्ग को एक पत्र मंगलवार को भेजकर कहा है कि 17 – 03 – 23 एवं 02 – 05 – 23 के उनके पत्रों का जवाब नहीं दियां गया। इस प्रकार सम्मेलन हित को नहीं देखा गया है। अब पन्द्रह दिनों के अंदर उत्तर नहीं मिलने पर श्री पोद्दार कानून सम्मत कार्रवाई करने पर विचार कर रहे हैं
श्री पोद्दार ने बताया कि एक पत्र 17 – 03 – 23 को अखिल भारतीय अग्रवाल सम्मेलन के दिल्ली कार्यालय में दिया था। जिसमें लिखा था कि किस प्रकार नियमो को ताक पर रखकर झारखंड में पूर्वी सिंहभूम जिला अग्रवाल सम्मेलन में संतोष अग्रवाल के द्वारा नए अध्यक्ष के रूप में संदीप मुरारका की नियुक्ति की गयी। आजीवन सदस्यों को बिना सूचित किये और बिना आम सभा बुलाये एवं चुनाव कराए अपने ही कुछ लोगों के बीच निर्णय कर लिया गया। बाद में पुराने सदस्य से सदस्यता का प्रमाण मांग कर अपमानित किया जा रहा है।
कार्रवाई नहीं होने की स्थिति में राष्ट्रीय अध्यक्ष से दिनांक 29 – 03 – 23 को फोन पर बात की गई। तब उन्होंने कहा था कि “अब आपके जाने का समय आ गया है राम-राम कीजिए। कहां क्या हो रहा है, देखना छोड़ दीजिए।’ बताया कि राष्ट्रीय अध्यक्ष जैसे महत्वपूर्ण पद पर रहकर किसी भी पुराने सदस्य को ऐसा कहना उचित नहीं लगता।
डुप्लीकेट आई कार्ड के लिए कहा गया कि 200 रुपए देना होगा। तब 200 रुपए उनके कार्यालय को दिनांक 24 – 03 – 23 को भेजे गए। अभी तक आई. कार्ड नहीं भेजा गया है। बताया कि अग्रवाल सम्मेलन की पत्रिका भी नहीं भेजी जा रही है। सदस्यता प्रमाण पत्र की हार्ड कॉपी भी नहीं भेजी गई है। बाद में दिनांक 02 – 05 – 23 को एक पत्र रजिस्ट्री से भेजा गया। बार-बार रिमाइंड कराने के बाद भी चुप्पी साध ली गई है। इस प्रकार संस्था केवल रुपए लेती है और सदस्यों के हितों का ध्यान नहीं रखती है यह संस्था सोसाइटीज रजिस्ट्रेशन एक्ट 1860 के अंतर्गत रजिस्टर्ड है और इसका रजिस्ट्रेशन नंबर 7953 दिनांक 28 जनवरी 1976 है। इन परिस्थितियों में श्री पोद्दार के द्वारा बाध्य होकर कानून सम्मत कार्रवाई करनी पड़ सकती है।