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अग्रवाल समाज फाउंडेशन की महिला इकाई अग्रसेन महिला क्लब का हास्य कवि सम्मेलन

अग्रवाल समाज फाउंडेशन की महिला इकाई अग्रसेन महिला क्लब का हास्य कवि सम्मेलन

जमशेदपुर- अग्रवाल समाज फाउंडेशन की महिला इकाई अग्रसेन महिला क्लब की ओर से अग्रसेन जयंती समारोह के तहत शनिवार को माइकल जॉन आडिटोरियम बिष्टुपुर में हास्य कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमें वर्षों बाद शहर के लोग लोट- पोट हो गये कवि अरुण जेमिनी ने कोरोना काल के दौरान रची गई कई हास्य व्यंगय की कविता पढी वर्क फ्राम होम को कुछ इस तरह रखा,वर्क फ्राम होम के तहत मैंने घर में ही कविता सुनाई लेकिन नहीं किसी ने सुनी और ना ही किसी ने तालियां बजायी और नहीं आयी जेब में कमाती कोरोना काल के दौरान लगातार वर्क फ्राम होम रहने से कवि को महिला मित्र की याद आती है कुछ पल अलग ढंग से जिया जाए क्यों नहीं महिला मित्र को वीडियो काल किया जाय महिला मित्र ने काल नहीं उठाई और बेसिक फोन से फोन किया और कहा कि लाक डाउन में ब्युटी पार्लर अभी बंद है चुड़ैल जैसी चेहरा है अंत में उन्होंने हरियाणवी कविता को प्रवाह दिया जिसकी मांग श्रोताओं की तरफ से हो रही थी
*अरुण जैमिनी की पंक्तियाँ – आँखों में पानी
दादी की कहानी
परोपकारी बंदे
और अर्थी को कंधे
ढूँढते रह जाओगे
चीज़ों में कुछ चीज़ें
बातों में कुछ बातें वो होंगी
जिन्हें कभी देख नहीं पाओगे
इक्कीसवीं सदी में
ढूंढते रह जाओगे

बच्चों में बचपन
जवानों में यौवन
शीशों में दर्पण
जीवन में सावन
गाँव में अखाड़ा
शहर में सिंघाड़ा
टेबल की जगह पहाड़ा
और पायजामें में नाड़ा
ढूंढते रह जाओगे
पेट्रोल पंप देखकर धड़कन रुक जाय:कवि सुदीप भोला अपने अंदाज में महफ़िल को आगे ले गये उन्होंने पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दाम पर चुटकी ली,तेल करो सस्ता न, और कोई रास्ता न, तेल गरीबों का निकला जाय , पेट्रोल पंप देखकर धड़कन रुक जाय उन्होंने बेटी पर बहुत सुंदर कविता पढी, बेटी ब्युटीफुल, वंडरफुल, बेटी से चलते हैं दो-दो कुल, किसानों के हालात को देखते हुए उन्होंने किसानों पर अपनी रचना सुनायी, बहुत बुरी हालत है ईश्वर धरती के भगवान की,टुटी माला जैसे बिखरी किस्मत आज किसान की पानी के मूल्य को पहचानने का संदेश दिया बचाया न गया पानी, तो कहीं ऐसा न हो जाय, पानी नानी-दादी की कहानियों में ढूंढते रहे
भाता नहीं है मुझको ये दर्पण तेरे बग़ैर: योगिता चौहान ने सरस्वती वंदना से महफिल का आगज किया उनकी आवाज से अंत तक प्रेम रस बरसता रहा,चूडी तेरे बग़ैर न कंगन तेरे बग़ैर,भाता नहीं है मुझको ये दर्पण तेरे बग़ैर, उन्होंने प्रेम में कालेज के दिनों को भी याद किया,तेरे प्रेम में डूब के हम तो दिल दरिया के पार ग्रे, उन्होंने कोमल हाथों में तलवार भी देखना चाही
पायल की छन छन ना हो
दानव संहार जरूरी है़
बेटी बेटियाँ जिसने लूटी
उठो उनका संहार करो
चूड़ी वाले हाथों में तलवार जरूरी है़
गांधी की मोतीहारी है, बिरसा मुंडा अवतारी हैं: शंभू शिखर ने बिहार पर अपनी रचना से खुब वाहवाही लूटी,हम धरती पुत्र बिहारी हैं, बिरसा मुंडा अवतारी हैं, गांधी की मोतीहारी है, रावण जिसको छू न सका ,हम सीता जनक दुलारी है उन्होंने ऐसे महाराज अग्रसेन को नमन किया अपने अंदाज में स्वास्थय मंत्री बन्ना गुप्ता के सामने कई राजनीति चुटकी भी ली
*शंभू शिखर की कविता :
हम श्रमनायक हैं भारत के और मेधा के अवतारी हैं
हम सौ पर भारी एक पड़े,  हम धरतीपुत्र बिहारी हैं
वेदों के कितने वंद रचे, हमने गायत्री छंद रचे
साहित्य सरित की धारा में कितने ही काव्य प्रबंध रचे
हम दिनकर, रेनू , विद्यापति और भिखारी हैं
हम धरतीपुत्र बिहारी हैं , हम धरतीपुत्र बिहारी हैं
सत्ता जब मद में चूर हुई , हम जयप्रकाश बन कर डोले
सिंघाशन खालि करो की जनता आती है दिनकर बोले
हम सिखों के दशमे गुरु , बिरसा मुंडा अवतारी हैं
हम धरती पुत्र बिहारी हैं ,हम धरतीपुत्र बिहारी हैं
रात-रात भर तुमको गाया, सुबह छपे अखबार में:कवि सम्मेलन का संचालन गजेन्द्र चौहान ने किया पहली पंक्ति से ही उन्होंने विनोद परोसना शुरू कर दिया लक्ष्य पर हम सधे थे,सधे रह गये, एक आई लहर तुम संतरी बन गये,हम गदहे थे गदहे रह गये, उनकी करुण कविता में भी व्यंग था,इतने निर्मोही कैसे सजन हो गये, किसकी बांहों में जाकर मगन हो गये, आदमी न हुए काला धन हो गये, रात-रात भर तुमको गाया, सुबह छपे अखबार में जैसी पंक्तियों में उन्हें सभी का साथ मिला
गजेन्द्र चौहान
गाड़ियों पे छपा है लक्ष्य दो हजार बाईस
सभी खद्दरधारी करेंगे फिर जोर आजमाईश

*हास्य कवि सम्मेलन के मुख्य अतिथि झारखण्ड सरकार के स्वास्थ्य आपदा प्रबंधन मंत्री बन्ना गुप्ता और धर्मपत्नी सुधा गुप्ता ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर सम्मेलन की शुरुआत की श्री गुप्ता ने कहा कि आज बहुत ही पवित्र दिन है जहां आज देश में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री की जयंती मनाई जा रही है गांधी को देखें तो वे हनुमान के बाद राम के सबसे बड़े भक्त थे उन्होंने राम राज की कल्पना की थी रघुपति राघव राजा राम हमेशा गाते थे उन्होंने सभी कवियों को शाल ओढ़ाकर,मेमेंटो और बुके देकर स्वागत किया श्री गुप्ता ने कहा कि कवियों के आने से महफ़िल में जान आयेगी उन्होंने कहा कि यह कार्य क्रम अरुण बाकरेवाल कर रहे हैं जो हमेशा दुसरों के कार्यक्रम में अतिथि बनकर जाते रहे आज स्वयं कार्यक्रम कर रहे हैं उन्होंने आम आदमी पर कविता भी सुनायी
अग्रवंशी बन्ना ने स्वयं को अग्रसेन जी का वंशज बताते हुए अपना उदबोधन प्रारंभ किया और अपने वक्तव्य में हरिओम पवार की कविता की पंक्तियाँ सुनाई
मन तो मेरा भी करता है झूमूँ , नाचूँ, गाऊँ मैं
आजादी की स्वर्ण-जयंती वाले गीत सुनाऊँ मैं
लेकिन सरगम वाला वातावरण कहाँ से लाऊँ मैं
मेघ-मल्हारों वाला अन्तयकरण कहाँ से लाऊँ मैं
मैं दामन में दर्द तुम्हारे, अपने लेकर बैठा हूँ
आजादी के टूटे-फूटे सपने लेकर बैठा हूँ
घाव जिन्होंने भारत माता को गहरे दे रखे हैं
उन लोगों को जैड सुरक्षा के पहरे दे रखे हैं
जो भारत को बर्बादी की हद तक लाने वाले हैं
वे ही स्वर्ण-जयंती का पैगाम सुनाने वाले हैं
उन्होंने कहा कि आम आदमी की लड़ाई वे अंतिम सांस तक लड़ेंगे कवियत्री योगिता चौहान का स्वागत स्वास्थय मंत्री की धर्म पत्नी सुधा गुप्ता ने किया अग्रवाल समाज फाउंडेशन के चेयरमैन अरुण बाकरेवाल ने स्वागत भाषण दिया स्वागत सत्र का संचालन कमल किशोर अग्रवाल ने किया फाउंडेशन के अध्यक्ष निलेश राजगढ़िया ने फाउंडेशन के सभी अधिकारियों का शाल ओढाकर और मेमेंटो देकर स्वागत किया इस दौरान समाज के श्रवण मित्तल और गिरधारी लाल देबुका को श्रद्धांजलि भी दी गई
मंचासीन नीलेश राजगढि़या अध्यक्ष, अग्रवाल समाज फाउंडेशन सुनीता अग्रवाल अध्यक्षा श्री अग्रसेन महिला क्लब
मुख्य उपस्थिति- गोविंद अग्रवाल दोदराजका,
पीयूष गोयल, मुकेश मित्तल, संदीप मुरारका, अशोक भालोटिया, संदीप बरवालिया, बिमल अग्रवाल, रेशु बरवालिया, अश्विनी अग्रवाल, हर्ष बाकरेवाल, अशोक अग्रवाल, संतोष छापोलिया, नरेश मोदी, बालमुकुंद गोयल, कल्याणी कबीर, राजेंद्र अग्रवाल, संजय कसेरा, विजय खेमका
,अश्विनी अग्रवाल,अमर गनेरीवाल,मनोज पुरिया,आशीष अग्रवाल,श्याम अग्रवाल,रंजू अग्रवाल,नीलम गनेरीवाला, पूनम बजाज,मंजू अग्रवाल,उषा अग्रवाल,सोनी पोद्दार ,सत्य नारायण अग्रवाल आदि अन्य कई साहित्यकारों की जुटान थी