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फेल हो रहा स्वच्छ भारत मिशन, शहर में बनाए गए सात सामुदायिक शौचालय है बंद

लातेहार को खुले में शौच मुक्त शहर बनाने के लिए जिला मुख्यालय में सात सुविधा संपन्न सामुदायिक शौचालय का निर्माण कराया गया है. लेकिन ये शौचालय निर्माण के एक साल बाद भी बंद पड़े हैं. ऐसे में लोग शौच के लिए खुले में जाने को मजबूर हैं.
लातेहारः स्वच्छ भारत मिशन कार्यक्रम चलाकर जहां पूरे देश को खुले में शौच मुक्त बनाने का प्रयास सरकार की ओर से किया जा रहा है. वहीं, लातेहार जिला मुख्यालय में इस योजना को सरकारी विभाग ही फेल करने में तुला है. खुले में शौच मुक्त शहर बनाने को लेकर जिला मुख्यालय में सात सुविधा संपन्न सामुदायिक शौचालय का निर्माण कराया गया है लेकिन विभागीय लापरवाही के कारण निर्माण के एक साल से भी अधिक गुजर जाने के बाद भी शौचालयों को आम लोगों के लिए नहीं खोला गया है. जिससे जिला मुख्यालय को ओडीएफ बनाने पर ही सवाल उठने लगा है.
दरअसल,लातेहार नगर पंचायत ने जिला मुख्यालय में सात सामुदायिक शौचालय का निर्माण करवाया गया है. सभी शौचालय पूरी तरह सुविधा संपन्न है लेकिन इन शौचालयों का उपयोग आम लोग नहीं कर पा रहे हैं. ऐसे में लोगों को मजबूरी में शौच के लिए खुले में जाना पड़ रहा है. बता दें कि शहर के बाजारटांड़ शिव मंदिर के पास भी सामुदायिक शौचालय बनाया गया है. बाजारटांड़ में प्रत्येक मंगलवार को सप्ताहिक हाट लगता है. इसके अलावा यहां बाजार समिति की कई दुकानें भी हैं. इसके बावजूद यहां का शौचालय निर्माण के एक साल बाद भी बंद रखा गया है. ऐसे में दुकानदारों के अलावा अन्य लोग जो किसी काम से यहां आते हैं उन्हें खुले में शौच करने की मजबूरी हो जाती है लातेहार पॉलिटेक्निक रोड में बनाए गए सामुदायिक शौचालय को भी आज तक नहीं खोला गया. जबकि यहां पर टैक्सी स्टैंड है और बड़ी संख्या में लोगों का आना-जाना यहां होता है. शौचालय बंद रहने के कारण लोगों को बगल में बह रही गायत्री नदी में खुले में शौच जाने पर मजबूर होना पड़ता है.
इस संबंध में शहर के वार्ड नंबर दो के पार्षद जितेंद्र कुमार पाठक ने कहा कि वह अपनी ओर से पांच बार पत्र लिखकर बंद पड़े शौचालयों को खुलवाने की अपील की है. परंतु आज तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. ऐसे में शौचालय बिना उपयोग के ही जर्जर होने लगे हैं.
इस संबंध में नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी अमित कुमार ने कहा कि सातों शौचालय का निर्माण पूरी तरह पूर्ण हो गया है. गत फरवरी माह में ही शौचालयों के संचालन के लिए केयरटेकर को आमंत्रित किया गया था. परंतु उस समय कोई भी निविदा में शामिल नहीं हुए. इस कारण शौचालय नहीं खुल पाए. जल्द ही सभी शौचालयों में केयरटेकर की प्रतिनियुक्ति कर शौचालय का उपयोग आरंभ करवाया जाएगा.
शहर में सात सुविधा संपन्न सामुदायिक शौचालय बनकर तैयार हैं. इसके बाद भी बाहर से आने वाले लोगों को खुले में शौच जाने को मजबूर होना पड़ रहा है. जरूरत इस बात की है कि बंद पड़े शौचालयों को आम लोगों के लिए खोला जाए, ताकि सरकार के स्वच्छ भारत का सपना साकार हो सके.