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एंबुलेंस नहीं मिलने से ट्रैक्टर से इलाज कराने पहुंची महिला स्वास्थ्य व्यवस्था पर उठे सवाल

एंबुलेंस नहीं मिलने से ट्रैक्टर से इलाज कराने पहुंची महिला स्वास्थ्य व्यवस्था पर उठे सवाल

सरायकेला जिले में सरकारी एंबुलेंस नहीं मिलने के कारण एक ट्रैक्टर पर लादकर इलाज के लिए महिला को उप स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया. जहां से महिला को बेहतर इलाज के लिए जमशेदपुर के एमजीएम अस्पताल रेफर किया गया.

सरायकेला: जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था का क्या हाल है इसका अंदाजा इस बात से ही लगा सकते हैं कि सरायकेला जिले के चांडिल प्रखंड अंतर्गत चौका गांव में एंबुलेंस नहीं आने से एक महिला मरीज को उसके परिजनों ने ट्रैक्टर से उप स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया.
चौका गांव निवासी रघुनाथ कर्मकार की पत्नी कमला कर्मकार की तबीयत बिगड़ गई थी. परिवार वालों ने कई बार 108 एंबुलेंस से संपर्क किया, लेकिन एंबुलेंस प्राप्त नहीं होने पर परिजनों ने ईंट ढोने वाले ट्रैक्टर से महिला मरीज को इलाज के लिए चावली बाशा स्थित उप स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया. बताया जाता है कि महिला मजदूर कमला कर्मकार स्थानीय ईंट भट्ठे में मजदूरी पर काम करती है. इस दौरान अचानक तबीयत बिगड़ गई, इस पर एंबुलेंस के लिए कॉल किया गया लेकिन काफी देर बाद भी एंबुलेंस के लिए संपर्क नहीं हो सका. इस पर ईंट भट्ठे के ट्रैक्टर से ही मरीज को उप स्वास्थ्य केंद्र लाया गया. इधर, इलाज के क्रम में तबीयत अधिक बिगड़ने पर चिकित्सकों की तरफ से उसे बेहतर इलाज के लिए जमशेदपुर के एमजीएम अस्पताल रेफर कर दिया गया. लेकिन वहां भी एंबुलेंस नहीं मिलने के कारण परिजनों को 40 किलोमीटर का सफर ट्रैक्टर से ही तय करना पड़ा.
चांडिल अनुमंडल में प्रस्तावित नया अनुमंडल अस्पताल अब तक शुरू नहीं किया जा सका है. लिहाजा एक बड़ी आबादी इससे प्रभावित हो रही है. स्थानीय पंचायत समिति सदस्य गुरुचरण साव ने बताया कि अगर आज चांडिल अनुमंडल अस्पताल शुरू हो जाता तो गरीबों को इलाज के लिए भटकना नहीं पड़ता.