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वरीय अधिवक्ता रंजीत सरकार के आकस्मिक निधन पर जमशेदपुर कोर्ट में शोक की लहर

वरीय अधिवक्ता रंजीत सरकार के आकस्मिक निधन पर जमशेदपुर कोर्ट में शोक की लहर

जमशेदपुर:जमशेदपुर जिला बार एसोसिएशन के वरीय अधिवक्ता सोनारी आदर्श नगर निवासी रंजीत सरकार (83) का बुधवार को हृदय गति रुकने से आकस्मिक निधन हो गया. अधिवक्ता रंजीत सरकार के निधन पर शोकाकुल जमशेदपुर बार एसोसिएशन के अधिवक्ताओं ने अपने को पेन डाउन करते हुए न्यायिक कार्य से बुधवार को अलग रखा. अधिवक्ता के निधन की सूचना मिलते ही पूरे दिन के लिए अधिवक्ताओं ने शोक व्यक्त किया है, जिससे बुधवार को जमशेदपुर व्यावहार न्यायलय में कोई भी मामला में सुनवाई नहीं हुई, जिसे टाल दिया गया. वरीय अधिवक्ता रंजीत सरकार सन 1962 से प्रीलाड करते थे. 1964 में पूर्ण रुप से उन्होंने प्रैक्टिस शुरु की. सीविल साइड के मामलों में सीनियर मोस्ट एडवोकेट जाने जाते थे और खासकर दीवानी मुकदमा ही लड़ते थे. करीब डेढ़ साल से वे बीमार चल रहे थे और एक साल से कोर्ट आना भी बंद कर दिया था. वर्तमान में उनके पुत्र भी जमशेदपुर में ही प्रैक्टिस कर रहे हैं. उनके निधन से शोकाकुल जमशेदपुर बार एसोसिएशन के लाला अजीत अंबष्ठ, मनोरंजन दास, हाईकोर्ट के पूर्व रजिस्ट्रार प्रबोद्ध रंजन दास, सुजीत सरकार, आरएस अग्रवाल, बलाई पंडा, दिवेंदु मंडल समेत कई अधिवक्ता उनके अंतिम यात्रा में शामिल हुए और मृत देह को श्रद्धासुमन अर्पित किए. लाला अजीत अंबष्ठ ने बताया कि 50 साल तक की आयु के अधिवक्ता का अगर निधन हो जाता है तो नियमतः उनके सम्मान में पेन डाउन रखने का प्रावधान है. इसीलिए बुधवार को अधिवक्ता न्यायिक कार्य से अलग रहे
झारखंड स्टेट बार कौंसिल के वाईस चेयरमैन और सुप्रसिद्ध वरिष्ठ अधिवक्ता राजेश कुमार शुक्ल ने रंजीत सरकार के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है. शुक्ल जो अखिल भारतीय अधिवक्ता कल्याण समिति के भी राष्ट्रीय महामंत्री हैं उन्होनें अपने शोक संदेश में कहा है कि सरकार एक अनुभवी और वरिष्ठ अधिवक्ता थे, जो जरूरतमंदों को न्याय दिलाने के लिए सदैव तत्पर रहते थे. वे 50 बर्ष से अधिक समय तक वकालत पेशे में रहे. शुक्ल ने उनके आदर्श नगर आवास जाकर परिजनों को सांत्वना दी तथा प्रभु से उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की. उनके शव को जिला बार एसोसिएशन प्रांगण में भी लाया गया था जहां अधिवक्ताओं ने श्रद्धा सुमन अर्पित किया. भुइयांडीह स्वर्णरेखा घाट पर अंत्येश्ष्टी उनके बड़े पुत्र विश्वजीत सरकार ने मुखाग्नि दी.