झारखण्ड वाणी

सच सोच और समाधान

विरसा मुंडा सामंतवादी शक्तियों एवं अंग्रेजों के विरुद्ध जिस प्रकार उलगुलान किए वह आने वाले सदियों तक जब तक इस धरती में सूरज चांद रहेगा उनकी प्रेरणा और उनकी शहादत बेकार नहीं जाएगी

आज भगवान बिरसा मुंडा की शहादत दिवस नौ जून को सीतारामडेरा स्थित भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा में माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी

भगवान बिरसा अदम्य साहस जुझारू नेतृत्वकर्ता थे जिन्होंने परतंत्रता के दिनों में भी सामंत वादी शक्तियों एवं अंग्रेजों के विरुद्ध अखंड भारत के समय उलगुलन किए।
कोई भी व्यक्ति अंग्रेजो के खिलाफ बोलता नहीं था लेकिन भगवान बिरसा मुंडा ने मात्र 25 वर्ष की आयु में अपनी शहादत देकर आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करने का जो लक्ष्य दिए हैं उससे हमें सीखने की जरूरत है और आज हर झारखंड के नौजवानों को उनके जीवन से प्रेरणा लेकर कार्य करने की आवश्यकता है
जिन अवस्था में और जिन परिस्थिति में भगवान बिरसा मुंडा ने शहादत की आज के युवा कहीं न कहीं भटके हैं हमें युवाओं को उनके जीवन से सीखने और सिखाने की आवश्यकता है।
आज भी झारखंड जिस परिस्थिति से गुजर रहा है भगवान बिरसा मुंडा जैसे लोगों की शहादत बेकार नहीं जाए इसके लिए हमें सजग रहने की आवश्यकता है भगवान बिरसा मुंडा जो केवल मात्र 25 वर्ष में जितनी बड़ी कुशलता का एवं नेतृत्व का परिचय भारत में दिए वह केवल झारखंड के मसीहा नहीं बल्कि भारत के हर व्यक्तियों के मसीहा बन गए ।
आदिवासी घर में जन्म लेने वाले विरसा मुंडा सामंतवादी शक्तियों एवं अंग्रेजों के विरुद्ध जिस प्रकार उलगुलान किए वह आने वाले सदियों तक जब तक इस धरती में सूरज चांद रहेगा उनकी प्रेरणा और उनकी शहादत बेकार नहीं जाएगी ।
आज उनके शहादत दिवस पर भाजपा प्रदेश संगठन मंत्री धनबाद प्रभारी अभय सिंह ने अपनी ओर से श्रद्धांजलि अर्पित किया है