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वांटेड खुलेआम करा रहा अपराध, वारंट लेकर घूम रही जमशेदपुर पुलिस

जमशेदपुर। गैंगस्टर अखिलेश सिंह के गुर्गे हरीश सिंह और उसके विरोधी गुट के सुधीर दुबे की गिरफ्तारी और कुर्की जब्ती वारंट अदालत से जारी है। आठ माह बीत गए। जमशेदपुर पुलिस गिरफ्तार नहीं कर पाई। पुलिस की नजर में दोनों फरार हैं, लेकिन शहर में इनकी सक्रियता जारी है।

सुधीर दुबे ने अपने गुर्गों के माध्यम से क्रशर और ट्रांसपोर्टर कारोबारी सुखविंदर सिंह को धमकी दिलवाई। जबरन व्यवसाय में साझेदार बनाने का दबाव दे रहा है। पुलिस कुछ नहीं कर पा रही है। ऐसी धमकी कई कारोबारियों मिली। सुखविंदर छोड़ किसी ने शिकायत नहीं दी। सुधीर दुबे अपने गिरोह में हर तरह के अपराधियों को संरक्षण दे रहा है जो शहर के इलाकों में फैले हुए हैं। कारोबारी से पहले कदमा में स्क्रैप टाल संचालक से रंगदारी मांगी गई थी। गुर्गे भानू मांझी से गोलियां चलवाई। सुधीर के करीब राजीव राम के इशारे पर बोकारो में राशन दुकानदार की हत्या भानू मांझी ने कर दी थी।

जमशेदपुर के गैंगस्टर अखिलेश सिंह के झारखंड के दुमका जेल में लंबे समय से बंद रहने के कारण उसके विरोधी शहर में सक्रिय हो गए हैंं। उसके विरोधी सुधीर दुबे बिहार के बक्सर जिले के ढकाइच का निवासी है जबकि अखिलेश का गुर्गा हरीश सिंह बिहार के आरा का रहनेवाला है। दोनों की तलाश जमशेदपुर के सीतारामडेरा थाना की पुलिस को भुइयांडीह गैंगवार मामले में है। हत्या, रंगदारी, आर्म्स एक्ट समेत कई मामले पहले से दर्ज हैंं। कभी सुधीर दुबे गैंगस्टर का गुर्गा हुआ करता था। कुछ अनबन हाेने के बाद अब उसने जमशेदपुर में अखिलेश सिंह के सामांतर अपना गैंग खड़ा कर लिया है और लगातार चुनौती दे रहा है।