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उन्नत कृषि करने वाले प्रगतिशील किसान सुनील कुम्भकार के सफलता की कहानी- कृषि कार्य से सालाना 4-5 लाख रुपए की आमदनी होती है 

बोड़ाम प्रखंड के बेल्डीह पंचायत अंतर्गत रूपसान गांव के रहने वाले प्रगतिशील किसान सुनिल कुम्भ्कार पिछले 10 सालों से उन्नत कृषि का कार्य कर रहे हैं। इससे पहले परंपरागत रूप से खरीफ में सिर्फ धान की खेती करते थे। साल में एक ही बार खेती एवं कमाई का कोई अन्य स्रोत नहीं होने से घर-परिवार का पूरा साल भर खर्चा चलाने में मुश्किलों का सामना करना पड़ता था। सुनील के मुताबिक इनके पास तीन एकड़ कृषि योग्य जमीन है जो रूपसान एवं बेलडीह दोनों जगह पर है जिसमें गोड़ा जमीन ज्यादा है। सुनील ने सोचा क्यों न धान के साथ-साथ सब्जी आदि का खेती किया जाए। सुनिल कुम्भ्कार ने प्रयोग के तौर पर शुरुआत में बरसाती मूली एक एकड़ जमीन में लगाया, इनके खेत से प्रति दिन 4-5 किलो मूली निकलने लगा जिससे इन्हें अच्छी आमदनी हुई।

सुनील कुम्भकार ने बताया कि कृषि कार्य के लिए वे प्रतिदिन 8-10 मजदूरों को काम पर रखते हैं जो सब्जी का तोड़ाई, सफाई से लेकर पैकिंग का काम करते हैं। अपने खेतों की सब्जी जमशेदपुर के अलावा पास के बोड़ाम के हाट, पटमदा के हाट में भी थोक में सब्जी बेचते है। सिंचाई हेतु इनका बोरवेल है जिससे सिंचाई में असुविधा नहीं होती तथा पूरे खेत का पटवन हो जाता है। पास में तालाब है जहाँं सब्जियों का सफाई कर पैकिंग भी किया जाता है।

इन सबके अतिरिक्त सुनिल कुम्भ्कार ने लगभग दो एकड़ में फुलगोभी, टमाटर, खीरा एवं लौकी का खेती किया है जो अभी बाजार में बेचने के लिए तैयार है। कृषि कार्य से सालाना इन्हें माह 4-5 लाख रुपये का मुनाफा हो जाता है। सुनील कहते हैं कि परपंरागत खेती की तुलना में सब्जी एवं मिश्रित खेती काफी मुनाफे की होती है, वे कहते हैं कि सभी किसानों को उन्नत तरीके से खेती करना चाहिए ताकि कृषि कार्य के प्रति जो नकारात्मकता आज के युवाओं में है वह नही रहेगी, आमदनी अच्छी होगी।