झारखण्ड वाणी

सच सोच और समाधान

स्वच्छता पखवाड़ा के अवसर पर सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा “स्वच्छता ही सेवा” विषय पर वेबिनार का आयोजन

स्वच्छता पखवाड़ा के अवसर पर सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा “स्वच्छता ही सेवा” विषय पर वेबिनार का आयोजन

रांची: पत्र सूचना कार्यालय रीजनल आउटरीच ब्यूरो रांची और फील्ड आउटरीच ब्यूरो गुमला के संयुक्त तत्वावधान में स्वच्छता पखवाड़ा 2021 -स्वच्छता ही सेवा’ विषय पर आज दिनांक 27 जनवरी 2021 बुधवार को वेबिनार परिचर्चा का आयोजन किया गया

वेबिनार परिचर्चा की शुरुआत करते हुए अपर महानिदेशक पीआईबी आरओबी रांची अरिमर्दन सिंह ने कहा कि स्वास्थ्य हमारे लिए सर्वोपरि है। सबसे पहले हमारा स्वास्थ्य ही आता है। स्वच्छ भारत मिशन व्यवहार में परिवर्तन के लिए शुरु किया गया था और आज इसका असर देश में देखने को मिल रहा है। लोग स्वच्छता को अब अपनी आदतों में शामिल कर रहे हैं। यह हमारी जीवनशैली में अब रच बस गया है। स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का वास होता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में शुरु किया गया स्वच्छता अभियान जन आंदोलन बन गया है

नैन्सी सहाय, निदेशक, स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण), पेयजल एवं स्वच्छता विभाग, झारखंड सरकार ने कहा कि स्वच्छता के इस मुकाम तक पहुंचने में आमजनों का काफी सहयोग मिला है। पिछले पांच-छह सालों में स्वच्छता को लेकर लोग काफी जागरुक हुए हैं। आज 90 से 100 फीसदी घरों में टॉयलेट बन गए हैं और लोग उनका इस्तेमाल कर रहे हैं। स्वच्छता को लेकर व्यवहार परिवर्तन के लिए लोगों को आज भी हम जागरुक कर रहे हैं। टॉयलेट निर्माण के बाद खुले में शौच को लेकर काफी कमी आई है। स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) ने महिलाओं को भी सशक्त बनाया है एक लाख से अधिक सखी मंडलों को इस अभियान से जोड़ा गया। रानी मिस्त्री का कांसेप्ट विकसित कर 50 हजार महिलाओं को शौचालय निर्माण से जोड़ा गया। हर माह की 02 तारीख को गांव में पंचायत स्तर पर स्वच्छता सभा और 19 तारीख को स्वच्छता दिवस का भी आयोजन किया जाता है। हर माह की 28 तारीख को स्वच्छता माहवारी दिवस के जरिए छात्राओं को भी जागरुक किया जाता है। इसके अलावा स्वच्छ सुंदर शौचालय अभियान स्वच्छता ही सेवा चुप्पी तोड़ो स्वस्थ रहो अभियान के जरिए लोगों में स्वच्छता की आदत विकसित की गई। श्रीमती सहाय ने आगे कहा कि समय-समय पर हम कई प्रकार के जागरुकता अभियान चलाकर लोगों में व्यवहार परिवर्तन लाने की कोशिश कर रहे हैं। झारखंड के दुरूह क्षेत्रों में शौचालय निर्माण के लिए हमारे प्रयासों को केंद्र सरकार ने भी काफी सराहा है। स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण फेज-2 में ठोस कचरे का प्रबंधन करने के बारे में लोगों को जागरुक किया जाएगा।

अजीत कुमार सिंह, निदेशक विश्वा (विश्वेश्वरैया इन्स्टीट्यूट ऑफ सैनिटेशन एंड वॉटर एकेडमी) ने कहा कि 15वें वित्त आयोग में 50 फीसदी राशि जल एवं स्वच्छता के रूप में खर्च की गई। ग्राम पंचायत विकास योजना हर पंचायत को प्रतिवर्ष बनानी है। इसके लिए पंचायतों को अपनी भूमिका निभानी होगी उन्हें व्यवस्थित करना होगा और ग्राम सभा की बैठकें अनिवार्य रूप से करनी होगी। ग्राम सभा के जरिए व्यवहार परिवर्तन कम्युनिकेशन को काफी प्रभावी तरीके से अमल में लाया जा सकता है। स्वच्छता के लिए एक साल की कार्ययोजना तैयार करने में हमें यह ध्यान रखना होगा कि केंद्र सरकार की दूसरी योजनाओं को इससे कैसे जोड़ा जा सकता है। पंचायत की स्थाई समितियां को कार्यशील बनाना होगा जिससे कि लक्ष्य की प्राप्ति हो सके। सॉलिड/लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंज के निपटारे के लिए अभी काफी काम करना बाकी है। कुछ पंचायतें इस दिशा में काम कर रही हैं, लेकिन बाकी पंचायतों को भी इसमें सक्रिय भूमिका निभानी होगी।

कुमार प्रेमचंद, वॉश विशेषज्ञ, युनिसेफ रांची ने कहा कि अच्छे स्वास्थ्य और अच्छे पोषण के लिए स्वच्छता जरूरी है। स्वच्छ भारत मिशन के जरिए हम लोगों को यह बताने में कामयाब रहे कि स्वच्छता का उनके जीवन में क्या अर्थ है। साफ पानी पीने के फायदे लोगों को अब समझ में आ रहे हैं। शौच के बाद साबुन से हाथ धोना, बाहर थूकने की आदत से बचना, शौचालय का प्रयोग करना आदि स्वच्छता से जुड़ी आदतों के बारे में जहां मौका मिले वहां जरूर चर्चा करनी चाहिए। खास कर कोरोनावायरस महामारी के समय में लोगों को स्वच्छता की आदतों को, जैसे हाथ धोना, मास्क लगाना, सैनिटाइजर का प्रयोग करना, लगातार जारी रखना चाहिए।

वेबिनार के दौरान उपर्युक्त विषय से संबंधित ऑनलाइन क्विज में भी प्रतिभागियों ने शिरकत की। क्विज में स्वच्छता से संबंधित सवाल पूछे गए थे। वेबिनार का समन्वय एवं संचालन क्षेत्रीय प्रचार अधिकारी महविश रहमान ने किया और शाहिद रहमान और गौरव पुष्कर ने तकनीकी एवं समन्वय सहयोग दिया।

वेबिनार में विशेषज्ञों के अलावा स्वच्छ भारत मिशन से जुड़े विभिन्न जिलों के अधिकारी कर्मचारी, शोधार्थी, छात्र, पीआईबी, आरओबी, एफओबी, दूरदर्शन एवं आकाशवाणी के अधिकारी-कर्मचारियों तथा दूसरे राज्यों के अधिकारी-कर्मचारियों ने भी हिस्सा लिया। गीत एवं नाटक विभाग के अंतर्गत कलाकारों एवं सदस्यों, आकाशवाणी के पीटीसी, दूरदर्शन के स्ट्रिंगर तथा मीडिया से संपादक और पत्रकार भी शामिल हुए।