झारखण्ड वाणी

सच सोच और समाधान

सन 1846 में अंग्रेज और सिख युद्ध की समाप्ति हुई ।अंग्रेजों को विजय मिली थी उन्होंने पंजाब के सिख सत्ताधारियों से एक करोड़ रुपए की मांग की

पीओके को लेकर अभी जो परिस्थितियां बनी है उसके बारे में जानकारी देते हुए भारतीय जन महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष धर्म चंद्र पोद्दार ने विज्ञप्ति जारी कर देशवासियों को कश्मीर के सच के बारे में कहा है कि सन 1846 में अंग्रेज और सिख युद्ध की समाप्ति हुई ।अंग्रेजों को विजय मिली थी उन्होंने पंजाब के सिख सत्ताधारियों से एक करोड़ रुपए की मांग की ।
गुलाब सिंह एक करोड रुपए देने के लिए प्रस्तुत हुआ । उसकी शर्त थी कि जम्मू और कश्मीर भाग स्वतंत्र रूप से उसके अधीन रहे ।
अंग्रेजों ने शर्त स्वीकार की । वह संधि-पत्र 16 मार्च 1846 को अमृतसर में संपन्न हुआ ।
इस प्रकार निकटस्थ भूतकाल में जम्मू और कश्मीर प्रांत का निर्माण हुआ ।
सन 1857 में गुलाब सिंह का देहांत हुआ । उनके पुत्र हरीसिंह 1885 तक गद्दी पर रहे ।
उनके पश्चात प्रताप सिंह 1915 तक राज करते रहे ।1915 से महाराज हरी सिंह ने गद्दी संभाली ।
गुलाब सिंह के ही वंशज महाराज हरी सिंह ने कश्मीर को सन 1947 में भारत में विलय किया इस प्रकार संपूर्ण कश्मीर भारत का है । पीओके हस्तगत करना हमारा अधिकार है ।
उन्होंने कहा कि नापाक पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर को पुनः हस्तगत करना आवश्यक हो गया है
श्री पोद्दार ने कहा कि हमारा शारदा पीठ वहीं पर है । शारदा माता का दर्शन हम सभी तभी कर सकेंगे जब हम अपने भू-भाग को पुनश्च हस्तगत कर लेंगे ।वर्तमान की केंद्र सरकार को इस पर अविलंब कार्रवाई करनी ही चाहिए ।
यह जानकारी भारतीय जन महासभा द्वारा जारी की गई एक विज्ञप्ति में दी गई है ।