झारखण्ड वाणी

सच सोच और समाधान

प्यार मिलता जहाँ उसे घर बोलना

प्यार मिलता जहाँ उसे घर बोलना
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ना इधर बोलना, ना उधर बोलना
बोलना सच, जरूरी अगर बोलना

रात दिन चल रहे हम सभी के कदम
अगर मंजिल मिले तो सफर बोलना

जीते छत और दीवार के बीच हम
प्यार मिलता जहाँ उसे घर बोलना

कौन सुनता यहाँ, बोलते हैं सभी
सब सुनो पर उसे मुख्तसर बोलना

शब्द भगवान है रख बचा के उसे
हर शब्दों की करके कदर बोलना

गाँव आगे बढ़ा पर है खुशबू वही
यार उसको भला क्यूँ शहर बोलना

जिन्दगी जंग तो हार भी, जीत भी
कमी अपनी हुई क्या कसर बोलना

करो कोशिश सुमन सच बचाना तुझे
ना अगर बोलना, ना मगर बोलना

श्यामल सुमन