झारखण्ड वाणी

सच सोच और समाधान

समाजिक संस्था जन सत्याग्रह के द्वारा डॉ भीमराव अम्बेडकर की 130 वीं जयन्ती मनाई गई

समाजिक संस्था जन सत्याग्रह के द्वारा डॉ भीमराव अम्बेडकर की 130 वीं जयन्ती मनाई गई ! कार्यक्रम की अध्यक्षता मनजीत कुमार मिश्रा ने की इन्होने कहाँ की डॉ भीम राव अम्बेडकर (14 अप्रैल 1891–6 दिसंबर 1956) आधुनिक भारत के निर्माताओं में एक थे. उन्होंने बीसवीं सदी के आरंभ में ही आधुनिक शिक्षा का महत्त्व समझ लिया था. उन्होंने कोलंबिया विश्विद्यालय और लन्दन स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स से कानून और अर्थशास्त्र में डॉक्टरेट की डिग्री हासिल की. भारतीय राजनीति में उनके जैसा शिक्षित व्यक्ति विरले ही हैं.
अम्बेडकर ने आजीवन आधुनिक शिक्षा का अलख दलित समुदाय में जगाया. उन्होंने शिक्षा को राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण का माध्यम माना. वह कई रूपों में हमारे सामने आते हैं- वकील, समाजसेवी, अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ और महिला अधिकारों के सशक्त प्रवक्ता के रूप में. उन्होंने स्वतंत्र भारत के लिए प्रगतिशील संविधान तैयार किया. और वह स्वतंत्र भारत की पहली सरकार में विधि मंत्री के रूप में पदभार ग्रहण किया. उन्होंने कहा था: एक देश की प्रगतिशीलता का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि वहां महिलाओं के साथ कैसा व्यवहार होता है. उन्होंने 1956 में हिन्दू कोड बिल लाकर महिलाओं को पारिवारिक संपत्ति में हिस्सेदारी सुनिश्चित की,साथ ही तलाक, प्रताड़ना, आदि कुरीतियों से बचाव किया, जिसके परिणाम क्रांतिकारी हुए. भारतीय समाज आधुनिक हुआ. बाबा साहेब ने संविधान को सामाजिक न्याय के हथियार के रूप में इस्तेमाल किया. उन्होंने समाज के दलित, और आदिवासियों के लिए संविधान में आरक्षण की व्यवस्था की, जिसके चलते आज दलितों और पिछड़ों को समाज में उनका वाजिब हक मिल रहा है. वह हाशिये से समाज की मुख्य धारा में आ रहे हैं. इस कार्यक्रम में सामाजिक संस्था जन सत्याग्रह के तमाम कार्यकर्ता एवं पदाधिकारी भी मौजूद थे
इसमें मुख्य रूप से मनजीत कुमार मिश्रा, महेश पासवान, सतेन्द्र शर्मा, शम्स तवरेज खां, मुकेश कुमार, पप्पू यादव, अनिल कुमार सिंह, आदि कार्यकर्ता एवं पदाधिकारी भी मौजूद थे !