झारखण्ड वाणी

सच सोच और समाधान

समाजिक संस्था जन सत्याग्रह के द्वारा आज उपायुक्त पूर्वी सिंहभूम,अनुमण्डल पदाधिकारी और जमशेदपुर अक्षेस पदाधिकारी को बर्मामाइन्स स्थित लकड़ी टाल के 59B, वार्ड नंबर:- 13, खाता नंबर:- 01 के भूमि स्वामी के द्वारा नक्शा विचलन करके बहुमंजिला भवन का निर्माण किया जा रहा हैं इसपर कानूनसम्मत उचित कारवाई करने के सम्बन्ध में मांग पत्र सौंपा गया

समाजिक संस्था जन सत्याग्रह के द्वारा आज उपायुक्त पूर्वी सिंहभूम,अनुमण्डल पदाधिकारी और जमशेदपुर अक्षेस पदाधिकारी को बर्मामाइन्स स्थित लकड़ी टाल के 59B, वार्ड नंबर:- 13, खाता नंबर:- 01 के भूमि स्वामी के द्वारा नक्शा विचलन करके बहुमंजिला भवन का निर्माण किया जा रहा हैं इसपर कानूनसम्मत उचित कारवाई करने के सम्बन्ध में मांग पत्र सौंपा गया
इस संबंध में बर्मामाइन्स स्थित लकड़ी टाल के 58B, वार्ड नंबर:- 13, खाता नंबर:- 01 के भूमि स्वामी के द्वारा नक्शा विचलन करके बहुमंजिला भवन का निर्माण किया जा रहा हैं इस पर नौ नवंबर 2020 को जमशेदपुर अक्षेस कार्यालय में सूचना अधिकार अधिनियम के तहत जवाब माँगा गया था तो आठ फरवरी 2021 को पत्रांक संख्या 412 में जवाब दिया गया कि पोस्टल आर्डर में जन सूचना पदाधिकारी का नाम अंकित नहीं है इसलिए जवाब नहीं दिया जा सकता हैं आप पोस्टल आर्डर में जन सूचना पदाधिकारी का नाम अंकित कर जवाब ले सकते हैं जबकि किसी अन्य सूचना की जानकारी हमें बिना पोस्टल आर्डर में जन सूचना पदाधिकारी का नाम अंकित के ही मिली है। बारह फरवरी 2021 को पुनः जमशेदपुर अक्षेस कार्यालय में सूचना अधिकार के तहत जवाब माँगा था तो छब्बीस फरवरी 2021 को पत्रांक संख्या:643 में जवाब दिया गया कि झारखण्ड सरकार के उपलब्ध वेबसाइट पर भवन का नक्शा अनुमोदित किया जा रहा है जिसमें आम जनता के द्वारा उक्त साइट पर भूमि स्वामी का नाम से ही अवलोकन किया जा सकता है।
इसके पूर्व भी इसकी शिकायक पत्र संख्या :- JS/341/21 नौ मार्च 2021 को की थी इस पर किसी प्रकार की कोई कारवाई किसी के द्वारा नहीं की गयी हैं। क्या किसी भी भूमि स्वामी के द्वारा नक्शा पारित किये बिना ही जब बहुमंजिला भवन का निर्माण किया जा रहा हो तो क्या उनके द्वारा किसी उपलब्ध वेबसाइट पर सच्चाई बताई जा सकती है यह सोचने वाली बात ही है। इस पर कानूनसम्मत उचित कारवाई करने का आग्रह किया गया इसमें मुख्य रूप से महेश पासवान, आनंद कुमार, शम्स तबरेज खान, अनिल सिंह आदि कार्यकर्त्ता उपस्थित थे बर्मामाइन्स स्थित लकड़ी टाल के 54B, वार्ड नंबर- 13, खाता नंबर- 01 के खाली जमीन को कुछ लोगों के द्वारा अवैध कब्ज़ा किया जा रहा हैं वर्तमान में इस जमीन पर कुछ लोगों के द्वारा लकड़ी गिरा कर अवैध कब्ज़ा किया जा रहा है। जिसकी जानकारी सूचना अधिकार अधिनियम के तहत अंचल कार्यालय, जमशेदपुर अक्षेस कार्यालय और टाटा लीज कार्यालय से इस अवैध कब्ज़ा की जानकारी मांगी पर अब तक कोई भी जवाब किसी भी कार्यालय से नहीं प्राप्त हुई है।
वर्तमान में इस जमीन पर कुछ लोगों के द्वारा लकड़ी गिरा कर अवैध कब्ज़ा किया जा रहा है इस पर समाजिक संस्था के पदाधिकारियों ने अविलम्ब कारवाई करते हुए इस पूरे भू-भाग को घेर कर अवैध कब्ज़ा से बचाने की मांग जिला प्रशासन से की और इस पूरे भू-भाग पर पेड़ लगाकर इसकी रक्षा करने का अनुरोध किया गया है। इसके पूर्व भी इसकी शिकायक पत्र संख्या: JS/343/21 सोलह मार्च 2021 को की थी पर किसी प्रकार की कोई कारवाई किसी के द्वारा नहीं की गयी हैं।
सामाजिक संस्था जन सत्याग्रह के द्वारा आज पुन उपायुक्त पूर्वी सिंहभूम, अनुमण्डल पदाधिकारी और जमशेदपुर अक्षेस पदाधिकारी को जमशेदपुर, बर्मामाइन्स स्थित लकड़ी टाल के 54B, वार्ड नंबर- 13, खाता नंबर- 01 के खाली जमीन को कुछ लोगों के द्वारा अवैध कब्ज़ा किया जा रहा हैं वर्तमान में इस जमीन पर कुछ लोगों के द्वारा लकड़ी गिरा कर अवैध कब्ज़ा किया जा रहा है। जिसकी जानकारी सूचना अधिकार अधिनियम के तहत अंचल कार्यालय,जमशेदपुर अक्षेस कार्यालय और टाटा लीज कार्यालय से इस अवैध कब्ज़ा की जानकारी मांगी पर अब तक कोई भी जवाब किसी भी कार्यालय से संस्था को नहीं प्राप्त हुई है।
वर्तमान में इस जमीन पर कुछ लोगों के द्वारा लकड़ी गिरा कर अवैध कब्ज़ा किया जा रहा है इस पर अविलम्ब कारवाई करते हुए इस पूरे भू-भाग को घेर कर अवैध कब्ज़ा से बचाने का प्रयास कर इस पूरे भू-भाग पर पेड़ लगाकर इसकी रक्षा करने का आग्रह जिला प्रशासन से किया गया है।
इसके पूर्व भी इसकी शिकायक पत्र संख्या:- JS/343/21, सोलह मार्च 2021 को की पर किसी प्रकार की कोई कारवाई अब तक किसी के द्वारा नहीं की गयी हैं। इस पर अविलंब कानूनसम्मत उचित कारवाई करने की मांग जिला प्रशासन से किया गया है।

इसमें मुख्य रूप से मनजीत कुमार मिश्रा
अध्यक्ष, जन सत्याग्रह महेश पासवान, आनंद कुमार, शम्स तबरेज खान, जीत आर्या, अनिल सिंह आदि कार्यकर्ता उपस्थित थे