अच्छे दिन आए नहीं, करते रहे गुमान।
शुरू बुरे दिन आपके, सच मानें श्रीमान।।
कृषक जनों की भावना, कुचल रहे हैं आप।
शासन की यह क्रूरता, बन सकता अभिशाप।।
आप स्वयं को मानते, क्यों इतने स्वच्छन्द?
सड़कों पे जनता खड़ी, करेंगे सबको बन्द?
भला भड़कते आप क्यों, जहाँ पूछते प्रश्र।
मगर समर्थक आपके, मना रहे नित जश्न।।
अहंकार को छोड़कर, करिए पुनः विचार।
जन-विरोध से गिर पड़े, बहुतेरे सरकार।।
लोक-भावना का सदा, दिल में रखिए मान।
या मुमकिन करना पड़े, गद्दी से प्रस्थान।।
कलम दिखाए राह तो, समझें उसके भाव।
अपनी जिद को छोड़कर, मानें सुमन सुझाव।।
श्यामल सुमन
सम्बंधित समाचार
फूलो झानो योजना से जुड़कर शुक्रमानी की जिंदगी मे आया बदलाव सफलता की कहानी…..शुक्रमानी की जुबानी
उपायुक्त के अध्यक्षता में राजस्व एवं आंतरिक संसाधन से संबंधित समीक्षा बैठक संपन्न लंबित आवेदन का नियमानुसार निष्पादन सुनिश्चित करने के दिए गए निर्देश
उपायुक्त के अध्यक्षता मे आपूर्ति विभाग एवं धान अधिप्राप्ति केंद्र से संबंधित बैठक सम्पन्न प्राप्त आवंटन के आलोक मे शत प्रतिशत राशन वितरण सुनिश्चित करने के दिए गए निर्देश