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सदर विधायक कार्यालय में बिहार केशरी श्री बाबू की 134 वीं जयंती मनाई गई, पूर्व जिला परिषद अध्यक्ष एवं भाजपा कार्यकर्ता हुए शामिल

सदर विधायक कार्यालय में बिहार केशरी श्री बाबू की 134 वीं जयंती मनाई गई, पूर्व जिला परिषद अध्यक्ष एवं भाजपा कार्यकर्ता हुए शामिल

हजारीबाग: सदर विधायक मनीष जयसवाल के कार्यालय सभागार में बिहार केशरी डाँ श्री कृष्ण सिंह की 134 वीं जयंती मनाई गई। पूर्व जिला परिषद अध्यक्ष ब्रज किशोर जयसवाल समाजसेवी श्रद्धानंद सिंह सहित भाजपा नेताओं ने उपस्थित होकर श्री बाबू की तस्वीर पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन् किया। पूर्व जिला परिषद अध्यक्ष श्री जयसवाल ने श्री बाबू के जीवन वृत पर प्रकाश डाला और स्वतंत्रता संग्राम के इस विभूति रुपी सिपाही के जीवन की आत्म शक्ति को वर्तमान समाज के सभी लोगों को आत्मसात करने और प्रेरणा लेने की जरुरत बताई।
समाजसेवी श्रद्धानंद सिंह ने कहा कि श्री बाबू आधुनिक बिहार के प्रणेता रहे हैं और संयुक्त बिहार के समय इनके कृतित्व का ही प्रतिफल है कि वर्तमान झारखण्ड में उद्योग और शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति आई है। मौके पर विशेष रूप से भाजपा नगर पूर्व मंडल अध्यक्ष बबन गुप्ता भाजपा नेता काली साव, मुनेश ठाकुर सदर विधायक प्रतिनिधि विजय कुमार, राजू सिंह, संजय शरण ,महेश प्रसाद, महावीर सिंह राजकुमार महतो, जितेंद्र कुमार साहु, अनिल कुमार पांडेय, अनिल मिश्रा, संटु प्रसाद वर्मा ,अर्जुन सोनी, प्रीतम प्रजापति ,रितेश खंडेलवाल, शैलेश चंद्रवंशी ,अतिशय जैन, मेहुल खंडेलवाल ,रिंकु सिंह, अमन सिंह सहित कई गण्यमान्य लोग उपस्थित थे।

*कुम्हारों को धूप खिलने का इंतजार ताकि उनके घर भी हो खुशियों का उजाला*

जमशेदपुर-:दीवाली में मात्र 15 दिन ही बचे हैं, लेकिन बारिश का सिलसिला जारी है. लिहाजा कुम्हार परेशान हैं. उन्हें चिंता सता रही है कि अगर धूप नहीं खिली तो उनके दीये, बर्तन और खिलौने कैसे बनेंगे और कैसे सूखेंगे. दीवाली इन कुम्हारों के लिए सबसे बड़ा रोजगार है. लेकिन बारिश ने इनके चाक के पहियों को थाम रखा है. दीवाली में कुम्हारों के बनाये दीयों, मिट्टी के बर्तन और खिलौनों की बिक्री खूब होती है, लेकिन इस वर्ष मानसून के प्रकोप से यह कुम्हार परेशान हैं. पिछले दो-तीन  दिन से जमशेदपुर में रुक-रुक कर बारिश हो रही है. इस कारण कुम्हार सामान नहीं बना पा रहे हैं.
दीपावीली में अब 15 दिन ही शेष रह गये हैं  ऐसे में कुम्हारों की चिंता काफी बढ़ गयी है. धूप के नहीं निकलने के कारण मिट्टी के बर्तन जो अब तक बनकर तैयार हो जाते थे, वे अभी भी सूखने का इंतजार कर रहे हैं. साथ ही अभी तक उन पर रंगाई भी नहीं हो सकी है.
कुम्हरपाड़ा के बलदेव प्रसाद बताते हैं कि इस समय तक हम लोग मिट्टी के बर्तनों को कंप्लीट करके मार्केट में बेचना शुरू कर देते थे. पर अब स्थिति यह है कि अभी भी हम लोग धूप निकलने का इंतजार कर रहे हैं, जिससे कि बर्तनों को सुखाया जा सके. उसके बाद उन पर रंगाई का कार्य किया जाएगा. एक अन्य कुम्हार बासुदेव प्रसाद ने बताया कि हमलोग साल भर इस त्योहार का इंतजार करते हैं. पहले ही कोरोना के कारण दो साल से धंधा मंदा चल रहा है. अब मौसम की मार को देखकर लगता है कि इस साल हजारों का नुकसान झेलना पड़ेगा. क्योंकि जो लागत लग चुकी है, अगर बर्तन टाइम पर नहीं सूख पाये तो उन्हें बेचा नहीं जा सकेगा.