झारखण्ड वाणी

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साकची विरसा चौक गोलचक्कर से रैली निकाल कर संविधान बचाओ का संकल्प लिया

संविधान की बुनियादी संरचनाओं फेडरेलिज्म एवं जनतंत्र की रक्षा के लिए जमशेदपुर के नागरिकों की ओर से आज संविधान दिवस के मौके पर बिरसा चौक साकची गोलचक्कर पर संकल्प लिया गया। वहां पर उपस्थित सभी नागरिक अपने हाथों में मांगों से संबंधित पोस्टर लिए हुए थे और नारे लगा रहे थे।
केंद्र में आर एस एस विचार से प्रेरित भाजपा की दक्षिणपंथी सरकार संविधान के मौलिक अधिकारों, केंद्र-राज्य संबंधों और जनता की आर्थिक और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को नष्ट करने पर तुली हुई है। प्रांतों के हिस्से के जीएसटी एवं खनिज रॉयल्टी की रकम को मनमाने तरीके से इस्तेमाल कर रही है और प्रांतों को उसका हिस्सा नहीं दे रही है। झारखंड प्रांत का लगभग एक लाख करोड़ रुपया केंद्र के पास बकाया है, जिसका भुगतान नहीं कर रही है। पंजाब के किसान आंदोलन को सबक सिखाने के लिए वहां सभी प्रकार के सामानों की आपूर्ति रोकने के लिए माल गाड़ियों का परिचालन ठप्प कर दिया गया है। गैर भाजपाई सरकारों को गिराने की कोशिशें होती रहती हैं। इस तरह से केंद्र सरकार अपने ही देश की जनता से बदला ले रही है।
केंद्र सरकार की जन विरोधी नीतियों का विरोध करने वाले हर शख्स को टारगेट किया जा रहा है और फर्जी तरीके से यूएपीए, एनआईए और राजद्रोह के फर्जी मुकदमों में फंसा कर जेल भेजा जा रहा है।
दूसरी ओर कृषि विषयक कानूनों, श्रम कानूनों, आर्थिक कानूनों इत्यादि के जरिए आर्थिक संसाधनों को कॉरपोरेट के हवाले किया जा रहा है। बैंकों, एलआईसी, रेलवे आदि का निजीकरण एक अलग कॉरपोरेटमुखी अर्थव्यवस्था के नियोजन की कहानी कहती है। बेरोजगारी की समस्या गंभीर होती जा रही है। छोटे-मोटे व्यवसाय करने वालों को तबाह किया जा रहा है। अनौपचारिक अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर उसे संगठित आर्थिक गिरोहों के हवाले किया जा रहा है।
जाहिर है, संविधान की बुनियाद पर खड़ी सरकार ही संविधान की बुनियादी संरचना, मूल्यों और प्रावधानों को तोड़ रही है। देश की संवैधानिक संस्थाएँ संविधान की रक्षा नहीं कर पा रही हैं। ऐसे वक्त में संविधान की रक्षा एक जरूरी नागरिक दायित्व बन गया है ।
आज के इस कार्यक्रम में प्रमुख रूप से निशांत अखिलेश, सुजय राय, डॉ राम कवींद्र, मदन मोहन, कुमार चंद्र मार्डी, मंथन, उजागिर यादव, गौतम बोस, कपूर बागी, वासन्ती सरदार , सुमित रॉय, डी एन एस आनंद , डेमका सोय, मनोहर मंडल, एम ए मकी, सलीम अख्तर, बी एन प्रसाद, विजेन्द्र शर्मा, हसनैन अख्तर, रवीन्दर प्रसाद, ऋषभ रंजन, ओमप्रकाश, अमरेंद्र, जहीर साहब, मनोहर मंडल, राज्यश्री, सोमी मैथ्यू, बाबू नाग, कृष्णा लोहार, कार्तिक मुखी, बादल धोरा, अंकुर कुड़मी, विष्णु गोप, राइमूल, सुमंत मुखी, विक्रम, रमेश मुखी, दिनकर कच्छप, कपूर बागी, प्रो सुभाष गुप्ता, बिमल, प्रताप यादव, कसिफ रज़ा सिद्दीकी आदि शामिल रहे । इस में बाद में एस सी एस टी ओबीसी माइनरिटी वेलफेयर समिति और अखिल भारत शिक्षा अधिकार मंच, झारखण्ड शिक्षा आंदोलन संयोजन समिति, लेफ्ट यूनिटी, ए आई एस एफ झारखण्ड शिक्षा संघर्ष समिति, झारखण्ड जनतांत्रिक महासभा, बिरसा सेना, जागो, जोश, ए आई डी एस ओ, रविदास समाज, मुंडा समाज, भीम आर्मी और अन्य संगठनों के लोगों ने भी एकजुटता व्यक्त करते हुए सबों ने मिलकर एक रैली निकाली और शहर का भ्रमण कर एक जुटता का आभाष दिलाया इसमें दीपक रंजीत, इस्तियाक जौहर, रायमूल, बाबुनाग, विष्णु गोप, गणेश राम, सुरेश प्रसाद, मोती चन्द आदि कई लोग शामिल थे