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राज्य के अनुसूचित जाति समाज राज्य सरकार से नाखुश राज्य की जनता को पोषण, स्वास्थ्य सुविधा, बेहतर शिक्षा, शुद्ध पेयजल, निर्बाध बिजली की सुविधा नहीं मिल रही: संजय निर्मल

राज्य के अनुसूचित जाति समाज राज्य सरकार से नाखुश राज्य की जनता को पोषण, स्वास्थ्य सुविधा, बेहतर शिक्षा, शुद्ध पेयजल, निर्बाध बिजली की सुविधा नहीं मिल रही: संजय निर्मल

◆खनन मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दें – अमर कुमार बाउरी

जमशेदपुर। झारखंड की वर्तमान सरकार से प्रदेश के अनुसूचित जाति समाज के लोग नाखुश हैं। सरकार राज्य की जनता को पोषण, स्वास्थ्य, शिक्षा, शुद्ध पेयजल, बिजली, सड़क, मूलभूत सुविधाएं आदि देने में सक्षम साबित नहीं हो रही है। इस तरह से राज्य चलाने से बेहतर है कि झारखंड सरकार के मुखिया हेमंत सोरेन इस्तीफा दे दें। उक्त बातें भारतीय जनता पार्टी अनुसूचित जाति मोर्चा के राष्ट्रीय महामंत्री संजय निर्मल ने जमशेदपुर में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कही। आज साकची के एक होटल में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा कि राज्य की विधि व्यवस्था चरमराई हुई है। राज्य की महिला असुरक्षित है। प्रतिदिन औसतन पांच हत्याएं राज्य में हो रही हैं। मॉब लिंचिंग की घटनाएं आम है। उन्होंने कहा कि संजू प्रधान की हत्या भीड़ द्वारा पुलिस के सामने में कर दी जाती है और अभी तक उस पर सरकार मौन बनी हुई है। राज्य में अनुसूचित जाति समाज का जाति प्रमाण पत्र नहीं बनने के कारण समाज के युवाओं को नौकरी या अन्य रोजगार में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना का राज्य में लागू नहीं किया जाना सरकार की हीन भावना को दर्शाता है। जबकि केंद्र सरकार ने 59000 करोड़ की राशि देश के अनुसूचित जाति समाज के युवाओं की छात्रवृत्ति के लिए राज्यों को दे रखा है। बावजूद इसके राज्य सरकार छात्रवृत्ति योजना को लागू करने में विफल साबित हुई
उन्होंने कहा कि राज्य में वृद्धा पेंशन, विधवा पेंशन की स्थिति अच्छी नहीं है। ज्यादातर लाभुक सरकार के इस लाभ से वंचित है। वहीं उन्होंने कहा कि सरकार राज्य के गरीब, दलित, पिछड़े लोगों की जमीन को अपने कब्जे में ले रही है। उन्होंने साफ तौर पर कहा यदि सरकार अपने बचे ढाई वर्षो में राज्य हित में कार्य नहीं करेगी तो आने वाले दिनों में भारतीय जनता पार्टी और भारतीय जनता पार्टी अनुसूचित जाति मोर्चा के कार्यकर्ता चरणबद्ध आंदोलन कर सरकार को घेरने का काम करेंगे।
संवाददाताओं को संबोधित करते हुए संजय निर्मल ने कहा कि वे झारखंड के तीन दिवसीय प्रवास पर हैं। जिसके तहत पहले दिन उन्होंने रांची में प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में भाग लिया। उसके बाद उन्होंने गोंदा मंडल के पदाधिकारियों के साथ बैठक की। उसके बाद रांची के कमड़े स्थित राजकीय अनुसूचित जाति आवासीय छात्रावास के छात्रों से मिले। उन्होंने बताया कि दूसरे दिन के प्रवास में जमशेदपुर के जमशेदपुर महानगर जिला एवं मंडल के पदाधिकारियों के साथ बैठक की। उसके बाद देवपुर के नव जीवन आश्रम में वहां रह रहे हैं लोगों से मुलाकात की। 
उन्होंने बताया कि प्रवास के तीसरे दिन में जमशेदपुर के प्रबुद्ध जनों से मुलाकात की एवं जमशेदपुर कोऑपरेटिव कॉलेज बीएड के छात्रों से मुलाकात की। श्री निर्मल ने कहा कि उनके प्रवास का उद्देश्य राज्य में भारतीय जनता पार्टी संगठन को मजबूत करना है। ताकि आने वाले समय में भारतीय जनता पार्टी के जनप्रतिनिधि झारखंड राज्य के लिए बेहतरीन कार्य कर सकें।
संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए भारतीय जनता पार्टी अनुसूचित जाति मोर्चा के झारखंड प्रदेश अध्यक्ष एवं विधायक अमर कुमार बाउरी ने कहा कि झारखंड देश का पहला राज्य है जहां के मुखिया अपने मुलाजिम से दरख्वास्त करते हैं कि उसे 48 एकड़ जमीन खनन के लिए दिया जाए और उस जमीन को वे अपने भाई, निजी सहायक, मुख्यमंत्री प्रतिनिधि, पत्नी के बीच में बांट देते हैं। झारखंड सरकार के मुखिया का यह कृत पूरे देश के लिए हास्यास्पद है। उन्होंने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग ने हेमंत सोरेन को नोटिस भेजा है। यदि हेमंत सोरेन को पद से हटाया जाता है तो यह राज्य के लिए शर्म की बात होगी। ऐसे में नैतिकता के आधार पर झारखंड के मुख्यमंत्री को अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।
भारतीय जनता पार्टी अनुसूचित जाति मोर्चा के राष्ट्रीय महामंत्री संजय निर्मल ने कहा कि झारखंड सरकार की योजना क्या है ?राज्य की जनता त्राहिमाम कर रही है ।वृद्धा पेंशन नहीं मिल पा रहा है। यहाँ अनुसूचित जनजाति आयोग का गठन रघुवर दास अपनी सरकार में की थी, लेकिन अभी तक आयोग के गठन में नियुक्ति नहीं हुई है।
उन्होंने कहा कि रघुवर दास की सरकार में जाति प्रमाण पत्र आसानी से बन रहा था लेकिन आज हेमंत सरकार में जाति प्रमाण पत्र बनाने में क्यों परेशानी आ रही है? अनुसूचित जाति को संविधान सम्मत सुविधाएं नहीं दी जा रही है। पूरे राज्य में 5 हत्या ,5 रेप लगातार हो रहे हैं, लेकिन विधि व्यवस्था झारखंड सरकार की खत्म हो चुकी है। यहां पर सरकार के ढाई साल पूरे हो गए हैं ,लेकिन जिस वादे के साथ हेमंत सरकार सत्ता में आई थी ,उस वादे को पूरा करने की बात दूर ,बल्कि कुंभकरण की नींद में सो रही है। आने वाले चुनाव में झारखंड की जनता इस सरकार को उखाड़ फेंकेगी ।
वहीं अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष सह चंदनक्यारी के विधायक एवं पूर्व मंत्री अमर बाउरी ने कहा कि यहां के मुख्यमंत्री की स्थिति के कारण पूरे देश में झारखंड का नाम बदनाम हो रहा है। अगर हम मुख्यमंत्री को आम बोलचाल की भाषा में राजा मान लें ,
तो वह अपनी मुलाजिम से दरख्वास्त करता है कि उसे 88 डिसमिल जमीन लीज पर दी जाए और मुलाजिम उसकी दरख्वास्त कबूल करता है। आज झारखंड मुक्ति मोर्चा ,कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल कोई भी पार्टी मुख्यमंत्री के इस कुकृत्य से उसे बचा नहीं सकती मुख्यमंत्री को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए।
संवाददाता सम्मेलन में भारतीय जनता पार्टी अनुसूचित जाति मोर्चा के राष्ट्रीय मंत्री जीतू चरण राम, भारतीय जनता पार्टी अनुसूचित जाति मोर्चा के झारखंड प्रदेश महामंत्री रंजय भारती, भारतीय जनता पार्टी अनुसूचित जाति मोर्चा के झारखंड प्रदेश उपाध्यक्ष विमल बैठा, भाजपा जमशेदपुर मोर्चा अध्यक्ष अजीत कालिंदी सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।