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पटना में हुआ लाठीचार्ज राज्य प्रायोजित हिंसा, ज्यूडिशियल इनक्वारी हो : रघुवर दास

पटना में हुआ लाठीचार्ज राज्य प्रायोजित हिंसा, ज्यूडिशियल इनक्वारी हो : रघुवर दास
भाजपा कार्यकर्ताओं पर हुए लाठीचार्ज और एक कार्यकर्ता की मौत की जांच करने पटना पहुंचा जांच दल

पटना : तेरह जुलाई को पटना में भारतीय जनता पार्टी के नेताओं एवं कार्यकर्ताओं पर हुई पुलिस प्रशासन की बबर्रता एवं राज्य सरकार के तानाशाही रवैये की जांच के लिए झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास की अध्यक्षता में सांसद मनोज तिवारी , वी डी राम और सुनीता दुग्गल के साथ जांच दल पटना पहुंचा
जांच दल ने सबसे पहले पटना के पीएमसीएच में जाकर घायल भाजपा कार्यकर्ताओं से मुलाकात की उनका हालचाल जाना और घटना की विस्तार से जानकारी ली इसके बाद आईजीआईएमएस अस्पताल जाकर महाराजगंज के सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल से मुलाकात की। उन्होंने बताया कि पुलिस ने जानकारी होने के बावजूद उनके सिर पर लाठियां बरसाई, जिससे उन्हें गंभीर चोट आई है। इसके बाद जांच दल एलएनजेपी अस्पताल पहुंचा। यहां भर्ती घायल भाजपा कार्यकर्ताओं से मिला। वहां महिला कार्यकर्ताओं ने बताया कि पुरुष पुलिसकर्मियों ने महिला कार्यकर्ताओं पर भी बेतहाशा लाठीचार्ज किया इससे किसी का सिर फूट गया, किसी का हाथ टूट गया है और लोगों को गंभीर चोटें आई हैं। पटना स्थित भाजपा कार्यालय में भी घायल कार्यकर्ताओं से जांच दल मिला। सभी ने बताया कि नीतीश-तेजस्वी की सरकार ने बर्बरता की सारी हदें पार कर दमनकारी नीति अपनाई, जिसका नतीजा है कि राज्य में 1000 से ज्यादा भाजपा कार्यकर्ता घायल हैं, जिसमें 300 गंभीर रूप से घायल है। एक कार्यकर्ता विजय कुमार सिंह की मौत भी हो गई।
पटना के डाकबंगला चौराहे पर जहां पुलिस ने यह कार्रवाई की थी, जांच दल पहुंचा और लोगों से बातचीत की। वहां लोगों ने बताया कि पहले पुलिसकर्मियों ने जुलूस को सकरी गली की तरफ मोड़ा और जब जुलूस गली में पहुंचा, तो वहां पहुंचते ही बिना कोई चेतावनी दिए पुलिसकर्मियों ने लाठियां बरसानी शुरू कर दी। इससे कार्यकर्ताओं को कहीं छुपने का मौका भी नहीं मिला। और लोग घायल हो गए।
शाम को संवाददाता सम्मेलन में झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि जनहित के मुद्दे पर 13 जुलाई को पटना में बिहार भाजपा के द्वारा निकाले गए शांतिपूर्ण मार्च पर नीतीश कुमार-तेजस्वी यादव की सरकार ने जो बर्बरतापूर्ण लाठीचार्ज किया, वह राज्य प्रायोजित हिंसा है।
भाजपा ने छात्र, किसान, महिला, शिक्षकों की मांग को लेकर यह आंदोलन किया था। क्या लोकतंत्र में अपनी मांगों के लिए शांतिपूर्ण प्रदर्शन करना बिहार में पाप हो गया है? नीतीश-तेजस्वी सरकार से इस घटना की “न्यायिक जांच” (ज्यूडिशियल इनक्वारी) कराने की मांग की, ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके
उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता जनहित के मुद्दों पर किसी से डरने वाले नहीं हैं। कैसा भी अन्याय और जुल्म हमारी आवाज नहीं दबा सकता है। जब हम केरल-बंगाल में नहीं डरे, तो नीतीश-तेजस्वी सरकार की बिसात ही क्या है? हम लोगों के मुद्दे उठाते रहेंगे। जब तक बिहार की गठबंधन सरकार अपने वादे के अनुसार 20 लाख नौकरी और महिलाओं, किसानों, शिक्षकों की मांग पूरी नहीं करेगी भाजपा कार्यकर्ता चुप नहीं बैठेंगे। इस फरेबी सरकार की जड़ें उखाड़ देंगे।
इसके बाद पुलिस लाठीचार्ज में शहीद हुए भाजपा कार्यकर्ता विजय कुमार सिंह के जहानाबाद के कल्पा गांव स्थित आवास पर उनके परिजनों से जांच दल मिला और उन्हें ढांढस बंधाया। उन्हें आश्वस्त किया कि पूरा भाजपा परिवार उनके साथ है। उनके हर सुख-दुख में पार्टी मजबूती के साथ खड़ी रहेगी। वहां लोगों ने बताया कि घटना के बाद से पुलिस उन्हें परेशान कर रही है। उन पर अनावश्यक दबाव बनाया जा रहा है। यह बहुत ही निंदनीय है। भाजपा इसे किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेगी। जांच समिति शीघ्र ही घटना की रिपोर्ट भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा को सौंपेगी।