प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर के बयान से महागठबंधन में सनसनी, हेमंत सरकार को एक महीने का अल्टीमेटम
बता दें कि झारखंड सरकार ने अपने नियोजन नीति में झारखंड के दसवीं और बारहवीं पास करने वाले उम्मीदवार ही यहां तृतीय और चतुर्थवर्गीय नौकरियों के लिए आवेदन कर सकेंगे। इसके अलावा स्थानीय भाषा की सूची से हिंदी को हटाकर उर्दू को शामिल किया था। जिसे झारखंड हाईकोर्ट ने असंवैधानिक करार देते हुए रद्द कर दिया है और हेमंत सरकार की किरकिरी हो गई। झारखंड सरकार ने नियोजन नीति रद्द करते हुए कहा है कि संविधान के अनुच्छेद-14 और अनुच्छेद-16 का खुला उल्लंघन किया गया है।
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