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मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग की योजनाओं तथा कार्यों की समीक्षा की

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग की योजनाओं तथा कार्यों की समीक्षा की

कृषि और किसानों का विकास राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिए किसानों पशुपालकों को सशक्त बनाना जरूरी है। किसानों- पशुपालकों के लिए सरकार ने कई योजनाएं शुरू की है। इन योजनाओं का बेहतर तरीके से क्रियान्वयन सुनिश्चित हो । मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने आज कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग की उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक में अधिकारियों को यह निर्देश दिए । इस मौके पर किसान क्रेडिट कार्ड, पशुधन विकास योजना, बीज -खाद वितरण, कोल्ड स्टोरेज, लैम्प्स पैक्स, व्यापार मंडल और सहकारी समितियों के कार्य , जल स्रोतों के पुनरुद्धार आदि से संबंधित योजनाओं एवं कार्यों की प्रगति की जानकारी ली और अधिकारियों को कई निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने राज्य के सभी प्रखंडों में विभिन्न चरणों में केसीसी मेला आयोजित करने का निर्देश दिया ताकि ज्यादा से ज्यादा किसानों को केसीसी से जोड़ कर उन्हें उसका लाभ दिलाया जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि बैंकों के द्वारा प्रतिदिन जितने केसीसी जारी किए जाते हैं, उसकी मॉनिटरिंग के लिए मैकेनिज़्म बनाएं। अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में 29.38 लाख किसानों को केसीसी से जोड़ने का लक्ष्य है। 17.76 लाख किसानों को केसीसी उपलब्ध कराया जा चुका है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान पाठशाला सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है । इसका बेहतर तरीके से संचालन होना चाहिए। किसान पाठशाला के संचालन का जिम्मा प्रोग्रेसिव किसानों को देने की दिशा में कार्य योजना बनाएं। उन्होंने किसान पाठशाला के जरिए बीज और अन्य कृषि सामग्री उपलब्ध कराने की दिशा में भी पहल करने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए। राज्य में वर्तमान में 17 किसान पाठशाला खोले गए हैं ,जबकि इस वित्तीय वर्ष में 50 किसान पाठशाला खोलने का लक्ष्य है
मुख्यमंत्री ने मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना की समीक्षा करते हुए कहा कि ग्रामीण इलाकों में किसान- पशुपालकों को समृद्ध बनाने के लिए जरूरी है कि पशुधन का बेहतर तरीके से इस्तेमाल हो। उन्होंने कहा कि गांव में पशुओं के पालन का जिम्मा पशु मित्रों अथवा चरवाहों को देने के लिए कार्य योजना बनाएं । इन्हें प्रोत्साहन राशि दें तथा इसकी नियमित निगरानी की जाय
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि खाद की कालाबाजारी हर हाल में रुकनी चाहिए। किसानों को खाद की किल्लत नहीं हो इसकी पुख्ता व्यवस्था हो। उन्होंने खाद वितरण के लिए नए लाइसेंस जारी करने के निर्देश दिए। खाद वितरकों की संख्या बढ़ने से किसानों को सुगमता से खाद मिल सकेगा
मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि उत्पादों के भंडारण की बजाय उसके बाजार की बेहतर व्यवस्था होनी चाहिए। उन्होंने कृषि बाजार बनाने पर जोर दिया, ताकि किसान अपने उत्पादों को वहां आसानी से ला सकें। इसके साथ किसानों को उनके उत्पाद का बेहतर मूल्य मिले, इसका भी ध्यान रखा जाना चाहिए । उन्होंने कहा कि सरकार के द्वारा जो गोदाम बनाए गए हैं, उसके संचालन का जिम्मा मार्केटिंग फेडरेशन को सौंपने की दिशा में कार्य योजना बनाएं जाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण इलाकों में माल परिवहन की बेहतर व्यवस्था नहीं होने से किसान अपने उत्पादों को सही तरीके से बाजार नहीं ला पाते हैं । उन्होंने अधिकारियों से कहा कि गुड्स ट्रांसपोर्ट की व्यवस्था तैयार करें, ताकि ग्रामीण इलाकों में हाट- बाजार के दिन किसान अपने उत्पादों को गुड्स ट्रांसपोर्ट के माध्यम से ला सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बेहतर फसल उत्पादन के लिए जल स्रोतों की उचित व्यवस्था होनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि राज्य में सभी जल स्रोतों का जीर्णोद्धार किया जाए । अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि राज्य में 1262 तालाबों का जीर्णोद्धार किया जा रहा है, जिसमें 686 का कार्य पूर्ण हो चुका है । वहीं डीप बोरिंग के 3729 में से 1038 का जीर्णोद्धार हो चुका है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में जो भी कोल्ड स्टोरेज बनाए जा रहे हैं, उसका निर्माण कार्य जल्द पूरा कर चालू किया जाए । अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि राज्य में 5000 एमटी के 19 कोल्ड स्टोरेज में दो का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है, जबकि 30 एमटी के 139 और 5 एमटी के 57 कोल्ड स्टोरेज बनाए जा रहे हैं ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में बीज उत्पादकों को प्रोत्साहित करने की योजना बनाएं । उनके द्वारा उत्पादित बीज को सरकार खरीदेगी और उसे किसानों के बीच वितरित किया जाएगा । उन्होंने झारखंड सीड कॉरपोरेशन को क्रियाशील बनाने का भी निर्देश अधिकारियों को दिया।
मुख्यमंत्री ने इस मौके पर कृषि विभाग के सिंगल विंडो सिस्टम का ऑनलाइन उदघाटन किया । इस सिंगल विंडो से बीज, सहकारी समितियां , खाद और कीटनाशक से जुड़ी योजनाओं और कार्यों को ऑनलाइन जोड़ा गया है।
इस बैठक में मंत्री पत्रलेख बादल, मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग के सचिव अबू बकर सिद्दीक, निदेशक कृषि निशा उरांव, निदेशक भूमि संरक्षण सुभाष प्रसाद सिंह, निदेशक मत्स्य एच एम द्विवेदी, निदेशक पशुपालन शशि प्रकाश झा, निबंधक सहकारी सहयोग समिति मृत्युंजय वर्णवाल, विशेष सचिव प्रदीप कुमार हजारी, अपर सचिव अंजनी कुमार और संयुक्त सचिव विधान चन्द्र चौधरी मौजूद थे।
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मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन से आज भारतीय प्रशासनिक सेवा -2020 बैच के प्रशिक्षु अधिकारियों ने शिष्टाचार मुलाकात की। उन्होंने मुख्यमंत्री को अपने प्रशिक्षण अवधि के अनुभवों से अवगत कराया। मुख्यमंत्री ने उन्हें अपनी जिम्मेदारियों को बेहतर तरीके से निर्वहन करने के लिए शुभकामनाएं दी। मुख्यमंत्री से मुलाकात करने वाले प्रशिक्षु अधिकारियों में रवि जैन, दीपांकर चौधरी, पीयूष सिन्हा, रीना हांसदा, अनिकेत सचान और आशीष अग्रवाल शामिल थे
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