झारखण्ड वाणी

सच सोच और समाधान

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने झारखण्ड सीआईआई द्वारा आयोजित चौथे ट्राइबल डेवलपमेंट मीट में “उद्योग में आदिवासियों की भूमिका” विषय पर वर्चुअल प्लेटफॉर्म से संबोधित किया

प्रखंड विकास पदाधिकारी कुमार एस अभिनव के निर्देशानुसार प्रखंड अंतर्गत सभी पंचायतों में प्रधानमंत्री आवास के कार्य प्रगति एवं सभी पंचायतों में जल मीनार मरम्मतीकरण का कार्य पंचायत सचिव द्वारा कराया जा रहा है । इसी क्रम में आज उल्दा पंचायत के पुतरू ग्राम में पंचायत सचिव पीयूष कुमार मंडल की देखरेख में रेवती सिंह के प्रधानमंत्री आवास (2020-21) का छत ढलाई कार्य किया गया । साथ ही बागोरिया पंचायत में सात पुराने प्रधानमंत्री आवास का फाइनल जियो टैग प्रखंड समन्वयक बिप्लव महतो द्वारा किया गया । वहीं भादूआ पंचायत में पंचायत सचिव भागीरथ जेना एवं कशीदा पंचायत के पंचायत सचिव कौशिक कुमार द्वारा अपने पंचायतों में खराब पड़े जल मीनार का मरम्मतीकरण कराया गया ।
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पेयजलापूर्ति समस्या के समाधान हेतु उपायुक्त सह जिला दण्डाधिकारी सूरज कुमार द्वारा जिला पंचायती राज पदाधिकारी को वर्तमान में कार्यरत/अकार्यरत और मरम्मत कराए गए सोलर जलमीनार का दैनिक प्रतिवेदन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है। इस क्रम में सभी प्रखंड द्वारा प्रतिवेदित अकार्यरत सोलर जलमीनार की कुल 267 की सूची में से आज 23 का मरम्मती कराया गया वहीं 26 जून तक 92 जलमीनार का मरम्मत कराया जा चुका है। शेष अकार्यरत 152 सोलर जलमीनार का मरम्मती कर जिलेवासियों को पेयजलापूर्ति की समस्या से निजात दिलाने हेतु जिला प्रशासन प्रयासरत है ।
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*मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने झारखण्ड सीआईआई द्वारा आयोजित चौथे ट्राइबल डेवलपमेंट मीट में “उद्योग में आदिवासियों की भूमिका” विषय पर वर्चुअल प्लेटफॉर्म से संबोधित किया*

रांची:झारखण्ड में 27 प्रतिशत आदिवासी समाज के लोग निवास करते हैं। लेकिन व्यापार या उद्योग के क्षेत्र में इनकी सहभागिता मात्र 2.5 प्रतिशत है। झारखण्ड के पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ में 31 प्रतिशत आबादी आदिवासियों की है वहां भी आदिवासियों की सहभागिता मात्र दो प्रतिशत है। झारखण्ड में संसाधन की कोई कमी नहीं है। वहीं नार्थ ईस्ट में आदिवासियों और अनुसूचित जनजाति के लोग झारखण्ड के समतुल्य निवास करते हैं और व्यापार के क्षेत्र में उनकी सहभागिता नौ प्रतिशत है। इसकी वजह क्या है। सीआईआई इस बात पर विचार करे। राज्य सरकार भी इसकी समीक्षा कर कमी को पाटने का कार्य करेगी। पूर्व में झारखण्ड के आदिवासी समुदाय के लोगों को जरूरी सहयोग और मार्गदर्शन नहीं मिला और वे व्यापारिक क्षेत्रों में आगे नहीं बढ़ पाए। लेकिन वर्तमान में राज्य के आदिवासियों और स्थानीय लोगों के विकास पर सरकार का ध्यान केंद्रित है। कई योजनाएं लागू हुईं और अन्य कई पाइपलाइन में हैं। अचानक आयी महामारी ने सरकार की प्राथमिकताओं को कुछ हद तक जरूर बदल दिया, लेकिन आदिवासी और पिछड़े समाज का उत्थान हमारी सोच के केंद्र में है, यह बातें मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने झारखण्ड सीआईआई द्वारा आयोजित चौथे ट्राइबल डेवलपमेंट मीट में कही। मुख्यमंत्री “उद्योग में आदिवासी समाज की भूमिका” विषय पर बोल रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उद्योग क्षेत्र में आदिवासी समाज को कैसे अधिक से अधिक मौका मिले, इसके लिए हमें मिलकर कार्य करना होगा।
राज्य सरकार सिंगल विंडो सिस्टम के जरिए वंचित आदिवासी समाज के लोगों को व्यापार एवं उद्योग क्षेत्र में अवसर प्रदान कर लाभान्वित करने की योजना बना रही है। अगर हम सभी अपने दायित्वों का निर्वहन करें तो देश और राज्य के आदिवासी अवश्य उद्योग और व्यापार के क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखण्ड के अधिकांश उद्योग खनिज पर आधारित हैं। पर्यटन, संस्कृति, कृषि और खेल के क्षेत्र में आजतक किसी ने मंथन नहीं किया। जबकि इन क्षेत्रों में असीम संभावनाएं हैं। राज्य में खेल से संबंधित उद्योग नहीं है। हॉकी और फुटबॉल के उद्योग लगाए जा सकते हैं। राज्य सरकार ने उद्योग विभाग को इन क्षेत्रों में उद्योग लगाने का निर्देश दिया है। झारखंड की 75% आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करती है और करीब 90% आदिवासी ग्रामीण क्षेत्रों में रहते हैं। झारखंड लाह, तसर, इमली समेत अन्य वनोपज उत्पादन के मामले में देश में अग्रणी स्थान रखता है। लेकिन इन सब को प्रमोट करने की दिशा में कार्य पूर्व में नहीं किया गया। देश का एकमात्र लाह संस्थान झारखंड में है। उसकी स्थिति भी नाजुक है। रेशम उत्पादन के मामले में राज्य पहला स्थान रखता है, जबकि भागलपुरी सिल्क का नाम आता है। ऐसा इसलिए क्योंकि यहां के उत्पाद का सही ढंग से वैल्यू एडिशन नहीं हो सका। वर्तमान सरकार वन आधारित उपज के लिए फेडरेशन का गठन करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। जिससे ऐसे उत्पाद का वैल्यू एडिशन हो और बाजार मिल सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि खनन एवं अन्य क्षेत्र में उद्योग लगाए जाते इससे विस्थापित लोगों को मुआवजा राशि दी जाती है। यह राशि एक समय के बाद समाप्त हो जाती है और विस्थापित पुनः उसी स्थिति में आ जाते हैं। मेरा मानना है कि अगर उद्योग लगे तो स्टेकहोल्डर को भी उद्योग में शेयर मिले, जिससे उनका भी सतत आर्थिक विकास सुनिश्चित हो सके।
इस मौके पर मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, चाणक्य चौधरी, संजय सबरवाल, सौरव राय, गणेश रेड्डी, अमरेंदु प्रकाश, तापस साहू और अन्य कई लोग उपस्थित थे।
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*एडीएम लॉ एंड ऑर्डर ने पोटका में अंतर राज्यीय और अंतर जिला चेकपोस्ट का किया निरीक्षण, दिए आवश्यक दिशा निर्देश*

एडीएम लॉ एंड ऑर्डर नंद किशोर लाल ने पोटका प्रखंड अंतर्गत अंंतर राज्ययी चेकपोस्ट रसूनचोपा तथा अंतर जिला चेकपोस्ट हाता का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान अंचलाधिकारी सह प्रखंड विकास पदाधिकारी इम्तियाज अहमद भी उपस्थित थे। इस मौके पर एडीएम ने चेकपोस्ट में तैनात कर्मचारियों को स्पष्ट निर्देश दिया कि बिना दूसरे राज्य से आने वाले लोगों का आवश्यक रुप से कोविड जांच कराएं और बिना मास्क पहने लोगों को प्रवेश नहीं करने दें। संक्रमित पाए जाने पर व्यक्ति को नजदीक केंद्र में क्वारंटीन होने का विकल्प दें अन्यथा जिले में प्रवेश नहीं करने दें। उन्होंने सीओ सह बीडीओ को निर्देश दिया कि प्रखंड अंतर्गत पंचायतों और ग्राम स्तर पर संचालित वैक्सीनेशन कार्यक्रम की नियमित समीक्षा करें तथा लोगों को टीका लेने के लिए जागरूक करने के कार्य में कार्यकारी समिति प्रधान, सदस्य सहित सभी जनप्रतिनिधियों एवं बुद्धिजीवी वर्ग का भी सहयोग लें।
साथ ही एडीएम लॉ एंड ऑर्डर द्वारा गोलमुरी सह जुगसलाई प्रखंड में हाईवे किनारे के एक होटल को स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह के दिशा-निर्देशों के उल्लंघन करते पाये जाने पर सम्बन्धित संचालक के विरुद्ध प्रखंड विकास पदाधिकारी को एफआईआर कराने के निर्देश दिए।
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