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महात्मा गांधी और लालबहादुर शास्त्री विधाता की श्रेष्ठ कृतियों में थे: राजेश शुक्ल

महात्मा गांधी और लालबहादुर शास्त्री विधाता की श्रेष्ठ कृतियों में थे: राजेश शुक्ल

महात्मा गांधी का जीवन दर्शन आज पूरी दुनिया का जीवन दर्शन बना

झारखंड स्टेट बार कौंसिल के वाईस चेयरमैन और राज्य के सुप्रसिद्ध वरिष्ठ अधिवक्ता राजेश कुमार शुक्ल ने कहा कि महात्मा गांधी का जीवन दर्शन आज सिर्फ भारत का ही नही पूरी दुनिया का जीवन दर्शन बन गया है। महात्मा गांधी एक युग पुरूष थे जिनमें महानता और सज्जनता का दुर्लभ संगम था। बापू सचमुच विधाता की श्रेष्ठ कृतियों में एक थे तथा समदृष्टि सम्पन्न प्रज्ञावान महामानव थे।
श्री शुक्ल जो अखिल भारतीय अधिवक्ता कल्याण समिति के राष्ट्रीय महामंत्री भी है ने आज अपने आवासीय कार्यालय में बापू और लाल बहादुर शास्त्री को श्रद्धा सुमन अर्पित करने के बाद पश्चिम बंगाल बार कौंसिल और पश्चिम बंगाल अधिवक्ता कल्याण समिति के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित महात्मा गांधी के व्यक्तित्व और कृतित्व पर संगोष्ठी का वर्चुअल रूप से जुड़कर उदघाटन कर रहे थे।
श्री शुक्ल ने अपने उदघाटन भाषण में कहा कि आज राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और भारत के पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय लाल बहादुर शास्त्री की जयंती है। दोनों महामानव थे। दोनों के जीवन दर्शन को आज हर स्तर पर अपनाने की जरूरत है। महात्मा गांधी ने पूरी दुनिया को यह संदेश दिया कि बिना किसी हिंसा के भी बड़ी से बड़ी लड़ाई जीती जा सकती है। महात्मा गांधी देश के स्वतंत्रता संग्राम के एक प्रमुख राजनीतिक और आध्यात्मिक प्रणेता थे। हमे आज उनके सिद्धान्तों को अपनाने की जरूरत है। उससे विमुख होकर समाज मे शांति, सदभाव और भाईचारा हम स्थापित नही कर सकते है।
श्री शुक्ल ने कहा कि आज पूरी दुनिया गांधीवाद को महत्व दे रही है अपने देश मे हम कितना गांधी के दर्शन को मानते है यह सोचने का विषय है। वही शास्त्री के जय जवान जय किसान को कितना आत्मसात कर रहे है यह भी सोचने की जरूरत है। श्री शुक्ल ने कहा कि विश्व मे शांति का मार्ग मात्र गांधी के दर्शन सत्य और अहिंसा से ही प्रशस्त हो सकता है। आज शिक्षण संस्थानों में गांधी और शास्त्री के व्यक्तित्व और कृतित्व पर संगोष्ठी और लेख प्रतियोगिता कराने की जरूरत है। युवा पीढ़ी को इन दोनों महामानवों के जीवन से प्रेरणा ग्रहण करनी चाहिए। सादा जीवन उच्च विचार से हम समाज को समृद्ध बना सकते है।
इस अवसर पर अध्यक्षता करते हुए पश्चिम बंगाल स्टेट बार कौंसिल के चेयरमैन अशोक देव अधिवक्ता ने कहा कि गांधी के दर्शन आज भी उतना ही प्रासंगिक है जितना तब थे। हमें उस पर चलने की जरूरत है।
इस अवसर पर पी के बनर्जी, मधुसूदन मजूमदार, एस के दास, रामाकांत चटर्जी, एन एन महतो , विपिन पटनायक सहित अनेक वरिष्ठ अधिवक्ताओ ने अपने विचार रखे तथा गांधीवाद के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की। धन्यवाद ज्ञापन रीता दास अधिवक्ता ने किया।