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लोन के नाम पर 11 लाख 30 हजार ठगी करने वाले गिरोह के दो सदस्यों को गढ़वा पुलिस ने बिहार से दबोचा

लोन के नाम पर 11 लाख 30 हजार ठगी करने वाले गिरोह के दो सदस्यों को गढ़वा पुलिस ने बिहार से दबोचा

 

गढ़वा: गढ़वा पुलिस ने माइक्रोफाइनेंस कंपनी के नाम पर पचास लाख रुपये लोन देने का झांसा देकर 11लाख 30 रुपए बतौर सिक्योरिटी मनी लेकर चंपत होने वाले ठगी गिरोह के दो सदस्यों को बिहार के रोहतास जिले से धर दबोचा। ठगी का मामले का खुलासा उस वक्त हुआ जब कथित माइक्रो फाइनेंस कंपनी के कर्मचारी लोन की 50 लाख रुपए के नाम पर कागज का बंडल थमा दिया। जब पीड़ितों ने खोल कर उसे देखा तो उनके होश उड़ गए केवल कागज के ही बंडल थे। तब तक तक ठग फरार हो चुके थे।
इस संदर्भ में खुलासा करते हुए गढ़वा एसपी अंजनी कुमार झा के मुताबिक पकड़े गए ठगों में रौशन कुमार और हरेन्द्र प्रजापति ममेरे-फुफेरे भाईयों ने अपना अपराध कबूल कर लिया है।
एसपी अंजनी कुमार झा के मुताबिक साद थाना क्षेत्र के झुरा गांव निवासी दशरथ राम ने ठगी का मामला दर्ज कराते हुए कहा था कि तीन महीने से दो व्यक्ति उसके पास माइक्रोफाइनेंस कंपनी का कर्मचारी बताकर 50 लाख रुपये लोन देने का झांसा दे रहे थे।उन्होंने अपना नाम कंपनी के प्रबंधक और कर्मचारी के तौर पर बिहार के औरंगाबाद के प्रमोद सिंह और सोनू सिंह बताया था। कागजी खानापूर्ति के बाद दशरथ राम को 50 लाख का लोन स्वीकृत कर दिया गया। इसके लिए 11 लाख 30 हजार की सिक्यूरिटी मनी देनी थी।दोनों शातिर 17 जनवरी को 50 लाख की राशि लेकर लोन डिलीवर करने दशरथ राम के घर पहुंचे। 50 लाख देने के पहले दोनों ने दशरथ राम से सिक्यूरिटी मनी के 11लाख 30 हजार लिया और उसके एवज में 50 लाख होने की बात कह कर एक बंडल थमा दिया। घर आकर जब बंडल खोला तो उसमें कागज का टुकड़ा था। उसके बाद उसने ठगी का मामला दर्ज कराया।
एसपी ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि पकड़े गए दोनों आरोपी फिलहाल ठग गिरोह के संपर्क में थे। रौशन दिल्ली में टेम्पू चलाता था। इसी दौरान वह एक बड़े ठग के संपर्क में आकर ठगी का धंधा कर दिल्ली में भी कई लोगों को चूना लगा चुका है। लॉकडाउन के दौरान वह अपने गांव बिहार आया और हरेंद्र के साथ मिलकर गांव में ठगी के फिराक में लग गए। जहां उसकी दाल नहीं गली तो झारखंड में यह खेल शुरू कर दिया। इस दौरान उन्होंने दशरथ को अपना शिकार बनाया।
इधर दूसरी ओर मामला दर्ज होने के बाद एसपी ने एक एसआईटी टीम का गठन करते हुए मामले का खुलासा करने के लिए छापामारी में लग गई थी पुलिस को सफलता मिली।
बताया जाता है कि पुलिस अपराधियों की खोज में लगी हुई थी कि इस दौरान  रोहतास जिले के आरडीएस को इनमें छिपे रहने की खबर मिली उसके बाद छापामारी कर उन्हें धर दबोचा गया।