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लॉकडाउन को लेकर झारखंड कांग्रेस में गुटबाजी भाजपा नेताओं के बयान पर भी सवाल

लॉकडाउन को लेकर झारखंड कांग्रेस में गुटबाजी भाजपा नेताओं के बयान पर भी सवाल

हेमंत सरकार ने झारखंड में अघोषित लॉकडाउन के तहत स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह का घोषणा किया. इसको लेकर सत्ताधारी पार्टी झारखंड प्रदेश कांग्रेस में गुटबाजी देखने को मिल रही है. कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के अध्यक्ष प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष से उलझते नजर आ रहे हैं. साथ ही कांग्रेस ने संपूर्ण लॉकडाउन को लेकर बीजेपी नेताओं को भी कटघरे में खड़ा किया है.
रांची: झारखंड प्रदेश कांग्रेस में लॉकडाउन को लेकर भी गुटबाजी देखने को मिल रही है. एक गुट ने लॉकडाउन की वकालत की थी, दूसरे गुट ने लॉकडाउन की मांग करने वाले नेताओं के खिलाफ ही अनुशासनहीनता का आरोप लगा दिया. दूसरी तरफ लॉकडाउन को लेकर प्रधानमंत्री के संबोधन के बाद बीजेपी के विधायक दल के नेता और प्रदेश अध्यक्ष के लॉकडाउन को लेकर सुर बदले-बदले नजर आ रहे हैं.
झारखंड प्रदेश कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के अध्यक्ष शकील अख्तर अंसारी और प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता निरंजन पासवान ने पार्टी हाईकमान के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करते हुए, संपूर्ण लॉकडाउन की मांग करने वाले प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश ठाकुर और मानस सिंहा के बयान को अनुशासनहीनता का परिचायक बताया है. उन्होंने कहा है कि प्रदेश अध्यक्ष का निर्णय बिल्कुल सही है कि सामाजिक लॉकडाउन और पाबंदियां लगाकर कोरोना की चेन को तोड़ा जा सकता है. ऐसे में कार्यकारी अध्यक्षों का बयान बेहद आपत्तिजनक है.
दूसरी तरफ प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे और लाल किशोरनाथ शाहदेव ने लॉकडाउन के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन के बाद प्रदेश भाजपा के नेताओं से अपनी स्थिति स्पष्ट करने की मांग की . उन्होंने कहा कि भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी दो दिन पहले तक संपूर्ण लॉकडाउन की मांग कर रहे थे. अब उनकी ही पार्टी के नेता और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कहना है कि लॉकडाउन अंतिम विकल्प होना चाहिए.
उन्होंने कहा कि बाबूलाल मरांडी को यह बताना चाहिए कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कथन सही या गलत है. क्या बाबूलाल मरांडी में अपनी पार्टी के सर्वमान्य नेता नरेंद्र मोदी का विरोध करने की ताकत है. कांग्रेस के नेताओं ने बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा कि कुछ दिन पहले तक भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सह राज्यसभा सांसद दीपक प्रदेश समेत भाजपा के कई सांसद और विधायक रामनवमी का जुलूस निकालने की अनुमति देने की मांग कर रहे थे. जब आम लोगों, दुकानदारों और व्यावसायिक संगठनों की ओर से इसका प्रतिरोध किया गया, तब भाजपा नेताओं ने चुप्पी साध ली.
उन्होंने कहा कि झारखंड ही नहीं पूरे देश में भाजपा का यही चरित्र देखने को मिला है कि वह चुनावी फायदे के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं और लोगों की जान जोखिम में डाल सकते हैं. इसका प्रत्यक्ष उदाहरण अभी पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव और उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव के दौरान देखने को मिल रहा है.