झारखण्ड वाणी

सच सोच और समाधान

कितनों को गद्दार कहोगे

अपना सिर्फ विचार कहोगे?
बोलो सच कब यार कहोगे?

आमजनों की खुशियाली को
कब दोगे आधार, कहोगे?

जन-पीड़ा पर ध्यान नहीं तो
क्यों तेरी सरकार, कहोगे?

बढ़ते रोज विरोधी तेरे
कितनों को गद्दार कहोगे?

तुम जवान से अब किसान को
खिलवाते क्यों मार, कहोगे?

खुलेआम नफरत फैलाते
यही देश से प्यार, कहोगे?

संभल सुमन तू कर्त्तव्यों का
कैसे हो निस्तार, कहोगे?

श्यामल सुमन