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खुदाई में मिली अवलोकितेश्वर बुद्ध की ऐतिहासिक मूर्ति एक हजार साल प्राचीन है प्रतिमा

खुदाई में मिली अवलोकितेश्वर बुद्ध की ऐतिहासिक मूर्ति एक हजार साल प्राचीन है प्रतिमा

हजारीबाग ऐतिहासिक नगरी के रूप में आने वाले समय में जानी जाएगी. हजारीबाग के बहोरनपुर में पुरातन मूर्तियों का मिलने का सिलसिला जारी है, जहां पहले बुद्ध और मां तारा की एक दर्जन से अधिक मूर्तियां मिल चुकी हैं. अब वहां खुदाई के दौरान अवलोकितेश्वर बुद्ध की मूर्ति मिली है. इसे देखने के लिए बौद्ध भिक्षुओं के भी आने का सिलसिला तेज हो गया है.
हजारीबाग: जिला हजारीबाग सिर्फ अपनी प्रकृति सुंदरता के लिए नहीं बल्कि अब ऐतिहासिक क्षेत्र के रूप में भी जाना जाएगा. हजारीबाग के सदर प्रखंड के बोहनपुर में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण पटना की दो इकाई खुदाई कर रही हैं. खुदाई में अवलोकितेश्वर बुध की मूर्ति भी मिली है. इसके पहले बुध और मां तारा की एक दर्जन मूर्ति भी मिल चुकी हैं. प्रतिमा व्हाइट फाइन सैंड स्टोन की बनी बताई जा रही हैं. यह मूर्ति 9 से 11 वीं शताब्दी के बीच की हैं. यानी लगभग 1000 साल से भी पुरानी यह प्रतिमा है.
हजारीबाग ऐतिहासिक नगरी के रूप में आने वाले समय में जाना जाएगा. हजारीबाग के बहोरनपुर में पुरातन मूर्तियों का मिलने का सिलसिला जारी है, जहां पहले बुद्ध और मां तारा की एक दर्जन से अधिक मूर्तियां मिल चुकी हैं. अब वहां खुदाई के दौरान अवलोकितेश्वर बुद्ध की मूर्ति मिली हैं. इस मूर्ति के बारे में बताया जा रहा है कि यह 1,200 से लेकर 1,600 साल पुरानी हो सकती हैं.
मूर्ति मिलने की बात पूरे हजारीबाग में फैल चुकी है. ऐसे में लोग मूर्ति देखने के लिए भी खुदाई स्थल पहुंच रहे हैं. हजारीबाग के प्रसिद्ध इतिहासकार डॉक्टर अखोरी गोपाल का कहना है कि इस क्षेत्र को प्रसारित करना होगा, जो हम लोगों को धरोहर मिल रही है, इससे स्पष्ट होता है कि यह आने वाले समय में वर्ल्ड हेरिटेज की श्रेणी में आ सकता है. अगर इस क्षेत्र के बारे में आम जनता को बताया जाएगा तो लोग अपनी सभ्यता और संस्कृति के बारे में भी जान पाएंगे.
बुद्ध और अवलोकितेश्वर महाराज की मूर्ति मिलने के बाद यहां बौद्ध भिक्षुओं के भी आने का सिलसिला तेज हो गया है. ऐसे में हजारीबाग पहुंचे बौद्ध भिक्षु का कहना है कि यह एक बड़ा साधना केंद्र हुआ करता होगा, जहां बड़े गुरु एक जगह बैठते होंगे. उनके चारों और छोटे शिष्य बैठते थे. शून्यगार स्पष्ट रूप से यहां दिख रहा है. उन्होंने कहा कि महाराज अवलोकितेश्वर लोगों को अंधकार से निकालने वाले हैं. यह भगवान बुद्ध का एक नाम है. बुध को मानने वाले इन्हें अवतार स्वरूप मानते हैं.
वहीं, दूसरी ओर पुरातात्विक विभाग के डायरेक्टर डॉ राजेंद्र देवरी ने बताया कि अवलोकितेश्वर बुद्ध की जो मूर्ति मिली है, उसके बारे में अध्ययन करेंगे. इसके बाद ही कुछ कहा जा सकता है कि इसका संबंध क्या रहा होगा, क्योंकि यह क्षेत्र काफी ऐतिहासिक क्षेत्र प्रतीत हो रहा है. खुदाई के दौरान धरोहर लोगों को मिल रही है.
वहीं, हजारीबाग के बोहरनपुर खुदाई क्षेत्र में पहुंचने वाले युवक का कहना है कि इस क्षेत्र को विकसित करने की जरूरत है. यह काफी अधिक पोटेंशियल वाला इलाका देखने को मिल रहा है. हजारीबाग में जिस तरह से मूर्तियां मिल रहीं हैं, यह बताता है कि शहर प्राचीन नहीं बल्कि ऐतिहासिक है. ऐसे में सरकार से यही उम्मीद करते हैं कि यहां म्यूजियम समेत अन्य संस्थान बनाए जाएं, जिसमें अध्ययन की व्यवस्था हो सके
इस कारण यहां अब अध्ययन करने का क्षेत्र बनता जा रहा है. अवलोकितेश्वर बुद्ध की प्राचीन मूर्ति जो मिली है उसकी ऊंचाई 6 फीट 8 इंच है. महायान संप्रदाय के लोकप्रिय भगवान अवलोकितेश्वरा की प्रतिमा अपने आप में अद्भुत है. 2 सप्ताह पहले यह मूर्ति औंधे गिरी पड़ी थी और उत्खनन के दौरान इसे निकाला गया. वहीं, एक अन्य अवलोकितेश्वरा की मूर्ति बगल में निकलती दिख रही है. ऐसे में अब विशेषज्ञ इस पूरे क्षेत्र को विशेष रूप से अध्ययन कर रहे हैं कि एक ही जगह पर अलग-अलग मूर्तियां मिल रहीं हैं.