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खनन लीज मामले में सीएम हेमंत ने अपना पक्ष निर्वाचन आयोग के समक्ष रखा अब फैसले पर सबकी निगाहें

खनन लीज मामले में सीएम हेमंत ने अपना पक्ष निर्वाचन आयोग के समक्ष रखा अब फैसले पर सबकी निगाहें

रांची: खनन लीज मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने चुनाव आयोग के समक्ष अपना पक्ष रखा। जिसमें भारतीय जनता पार्टी के द्वारा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ ऑफिस ऑफ प्रॉफिट के तहत उनकी सदन की सदस्यता रद्द करने की मांग झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस से की गई थी। इस संदर्भ में राज्यपाल ने कार्रवाई करते हुए राज्य के मुख्य सचिव को तलब करते हुए खनन बीज मामले से संबंधित सभी दस्तावेज सत्यापित करके मांगे थे। उस वक्त राज्यपाल द्वारा कथित रूप से कागजातों को मुख्यमंत्री के खिलाफ सदन की सदस्यता रद्द करने के लिए पर्याप्त बताया था।साथ ही इस मामले में चुनाव आयोग को मंदिर जाने के लिए राज्यपाल ने उन्हें उक्त कागजात देकर मंतव्य मांगा था।साथ ही चुनाव आयोग ने भारतीय जनता पार्टी से भी अपना पक्ष रखने के लिए कहा था। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की ओर से अधिवक्ता ने अपना पक्ष रख दिया है और भाजपा ने भी अपना पक्ष रख दिया है। अब सुनवाई 14 जुलाई को होगी।
प्राप्त जानकारी के अनुसार आयोग के अवर सचिव प्रकाश चंद्र गुप्ता ने इस संबंध में शिकायतकर्ता करने वाली भाजपा और राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को सूचित कर दिया है।
बता दें कि माइनिंग लीज के मामले में पिछले कई माह से चुनाव आयोग सीएम हेमंत सोरेन से जवाब की प्रतीक्षा में था। इसी बीच सीएम हेमंत की ओर से मां का तबीयत खराब होने का हवाला देते हुए और कई कारणों से जवाब देने की समय सीमा बढ़ाने की मांग के बाद कई कारणों से तारीख पर तारीख बढ़ती रही। आखिरकार वह वक्त आ गया जब सीएम हेमंत सोरेन को इस मामले में 28 जून यानी आज अपना पक्ष रखी। जिस पर सबकी निगाहें टिकी हुई है क्योंकि इस मामले में सीएम हेमंत सोरेन की सदन की सदस्यता पर भी तलवार लटक रही है।उनके जवाब से यदि चुनाव आयोग संतुष्ट नहीं होता है और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम धारा 9 ए के तहत उनके खिलाफ कार्रवाई का मंतव्य राज्यपाल को दे देते हैं तो सीएम हेमंत की सरकार भी गिर सकती है। ऐसे में इस पर सबकी निगाहें टिकी हुई है।
यदि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन आज अपना पक्ष नहीं रखते तो उनका पूर्व में दिया गया लिखित जवाब ही जवाब माना जाता।
खबरों के मुताबिक सीएम सोमवार को दिल्ली गये थे। जहां उनके द्वारा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह समेत कई कांग्रेसी नेताओं से भी मुलाकात की खबर है फिर देर शाम रांची लौट भी आये। हालांकि बताया जाता है कि यह मुलाकात राष्ट्रपति चुनाव को लेकर हुई है।
बता दें कि भाजपा की शिकायत पर चुनाव आयोग सीएम के निर्वाचन मामले पर फैसला लेगा। इस मामले पर सीएम के आग्रह पर भारत निर्वाचन आयोग की ओर से दो बार सुनवाई टाली जा चुकी है।14 जून को आयोग ने स्पष्ट किया था कि अब सुनवाई नहीं टाली जा सकती है।
पहले भी हेमंत सोरेन को आयोग की ओर से पक्ष रखने के लिए दो बार समय दिया गया था। सीएम ने वकील के कोरोना पॉजिटिव होने का हवाला देते हुए दिल्ली स्थित निर्वाचन आयोग के समक्ष पेश होने के लिए और अधिक समय मांगा था।
अब चुनाव आयोग के फैसले पर सबकी निगाहें टिकी हुई है कि वह अगली तिथि को क्या फैसला सुनाएगा जिस पर सीएम हेमंत का भविष्य और सरकार का भविष्य तय माना जा रहा है।